हरिद्वार। अभी तक संत विविधि रूप में देखने को मिले। कुंभ आदि पर्वों में अलग-अलग रूप धारण करने वाले संतों की संख्या बहुतायत में देखने को मिलती है। कुछ रूप व पहनावा ऐसा होता है, जो संत की विशेष पहचान बन जाता है। ऐसे संत आकर्षण का केन्द्र भी रहते हैं।
संतों में नागा संन्यासी को सभी जानते हैं, जो दिगम्बर रहते हैं। इनमें भी जो सदैव दिगम्बर रहते हैं वह कम ही देखने को मिलते हैं। कोई विशेष प्रकार की पगड़ी धारण करता है, तो किसी जटाए विशेष होती हैं। कोई रूद्राक्ष का मुकुट धारण करता है तो कोई सोना धारण कर आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। नाना प्रकार के वेशधारण करने वाले संत देखने को मिलते हैं। किन्तु वह सब संत की मर्यादा से अलग नहीं हैं। कुछ कथित संत ऐसे भी हैं, जो मर्यादा के खिलाफ जाकर वेश धारण करते हैं। जो समाज में उपहास का ही पात्र बनते हैं। नागा संन्यासी की परम्परा हजारों वर्ष पुरानी है। यदि कोई साध्वी बिकनी पहनकर समुद्र में गोता लगाए तो उसे क्या कहा जाएगा।
जी हां सूत्रों के मुताबिक तीर्थनगरी में एक साध्वी ऐसी भी है जो बिकनी पहनकर समुद्र में स्नान का मजा ले चुकी है। सूत्र बताते हैं कि बिकनी पहनकर स्नान करने वाली साध्वी कोई साधारण साध्वी नहीं बल्कि एक अखाड़े की महामण्डलेश्वर है। वैसे यह बिकनी वाली महामण्डलेश्वर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज बताया गया है। कुछ समय से ये महामण्डलेश्वर खासी चर्चाओं में भी रही है। देखना दिलचस्प होगा की बिकनी वाली महामण्डलेश्वर आगे क्या धमाल करती हैं।