फेफड़े का कैंसर का जानिए उपचार, बता रहे हैं वैद्य दीपक

विश्व में आज दिन-दिन कैंसर का विस्तार बहुत बढ़ रहा है। वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गोजाइनेशन के एक सर्वे के अनुसार हर पांच व्यक्तियो में से एक को कैंसर होता हैं।

सर से लेकर ग्रीवातक जितने भी अंग है उन सब में जैसे जीभ, टॉनशील, मुख, गला, नाक, आँख, कान, चमड़ी, स्तन, फेफड़े, गर्भाश्य, ब्लड कैंसर इत्यादि हो सकता है।
आज आपको फेफड़े के कैंसर के बारे में बता रहे हैं। इसके मुख्य लक्षणः निम्नलिखित है।
शरीर में बल कम और वजन कम होता है।
लगातार खाँसी की शिकायत रहना
छाती में दर्द और भारीपन
साँस लेने में दिक्कत होना
यह कैंसर बढ़कर अन्न नली को दबाता है, तो खाने पीने में तकलीफ हो सकती है।
छाती में पानी भर जाना
इसके इलावा और भी लक्षणः हैं।

औषधी का वर्णन
जेष्ठिमधु 15 ग्राम
कांचनार छाल 15ग्राम
वरुण 15 ग्राम
नाग भस्म 5 ग्राम
प्रवाल पिष्टी 3 ग्राम
सिद्ध मकरधवज 3 ग्राम
प्रवाल पंचामृत 3 ग्राम
सितोपलादि चूर्ण 50 ग्राम
सुवर्ण भस्म 2 ग्राम
बृहत योगराज गुग्गल 5 ग्राम
शुद्ध भिलावा 10 ग्राम

सभी सामग्री को इकट्ठा कर अच्छी तरह मिला लें। फिर तीन बार देसी बछड़ी के मूत्र की भावना, फिर ज्वारे की भावना दें। और काली मिर्च के बराबर गोलिया बना ले, दो-दो गोलियां सुबह शाम दें। ज्वारे का रस 25 ग्राम, आदर्श पंच तुलसी ड्रॉप 5 बूंद, आदर्श मेदनाशक (गोधन वटी) निराहार 50 एमएल पानी के साथ सेवन करें।

Dr.(Vaid) Deepak Kumar

Adarsh Ayurvedic Pharmacy, Kankhal Hardwar

aapdeepak.hdr@gmail.com

9897902760

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