उम्र 55 की दिल बचपन का, हरिद्वार के श्रीमहंत के गजब कारनामे, दिल है की मानता नहीं

हरिद्वार। संतों के बीच एक कहावत प्रचलित है कि बाबा नाम बवाल का। वास्तव में देखा जाए तो हरिद्वार के एक बाबा ने इस कहावत को पूरी तरह से चरितार्थ किया। बाबा ने पहले बवाल किया और भरपूर मजा लेने के बाद भी बाबा का बवालीपन दूर नहीं हुआ। आलम यह है कि बवालीपन आज भी दूर होने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा का वहीं हाल है कि उम्र पचपन की और दिल बचपन का।


वैसे बाबा कोई साधारण साधू नहीं हैं। एक बड़े अखाड़े के बड़े श्रीमहंत बताए गए हैं। कब्र में पैर लटके हुए हैं। सिर पर आधे बाल हैं, वह भी अधिकांश सफेद हैं, फिर भी दिल में आशिकी पूरी तरह से हिलोरे मार रही है।


सूत्र बताते हैं कि हरिद्वार के इस श्रीमहंत का कुछ वर्षों पूर्व महाकाल की नगरी उज्जैन में एक युवती पर दिल आ गया। फिर क्या था श्रीमहंत ने युवती को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और युवती का जमकर शारीरिक शोषण किया। वर्षों रंगरेलियां मनाने के बाद बाबा युवती का पीछा छोड़ने के लिए तैयार नहीं था।


सूत्र बताते हैं कि तीन वर्ष पूर्व युवती का विवाह हो गया। युवती अपनी ससुराल में सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर रही है, किन्तु श्रीमहंत का दिल है कि मानता ही नहीं। श्रीमहंत आज भी युवती को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।


श्रीमहंत के कारनामों से परेशान होकर महिला अब श्रीमहंत को सबक सिखाने का मन बना चुकी है। सूत्र बताते हैं कि युवती का कहना है कि यदि कब्र में लटके पैर वाला श्रीमहंत उसको अब परेशान करने की कोशिश करता है तो वह श्रीमहंत के सारे काले कारनामे खोलकर रख देगी।
अब श्रीमहंत को देखना होगा की वह अपने दिल पर काबू रख पाते हैं या फिर युवती के क्रोध का कोपभाजन बनते हैं। वैसे संत समाज में यह श्रीमहंत बड़े प्रचलित हैं। भूस में आग लगाने के बाद दूर खड़े होकर तमाशा देखना इनकी पुरानी आदत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *