हरिद्वार। लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण में होने वाले मतदान के लिए नामांकन पत्रों की खरीद का कार्य शुरू हो गया है। जबकि हरिद्वार सीट पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है। जिस कारण से कांग्रेस चुनावी रण में पिछड़ती नजर आ रही है।
बता दें कांग्रेस पिछले 48 घंटे के मंथन के बाद भी पौड़ी व हरिद्वार सीटों के लिए टिकट फाइनल नहीं कर पाई है। बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के साथ स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में दोनों सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर मंथन किया गया। लेकिन कोई नजीता नहीं निकला।
सूत्रों की माने तो हरिद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र के लिए टिकट मांग रहे हैं। वहीं नैनीताल सीट पर कई दावेदार होने से आपसी खींचतान चल रही है। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की अपनी मंशा पाले निर्दलीय विधायक कई दिनों तक दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाकर वापस लौट आए और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र भी खरीद लिया। उसके बाद हरीश रावत हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें सामने आईं। सूत्र बताते हैं कि हरीश रावत अब अपने बेटे वीरेन्द रावत को हरिद्वार से चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में हैं। वह अब अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। सूत्रों की मानें तो हरीश या वीरेन्द्र में से एक हरिद्वार सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी होगा।
बहरहाल कांग्रेस द्वारा अभी तक अपने प्रत्याशी का चयन न कर पाने के कारण वह चुनाव प्रचार में पिछड़ती नजर आ रही है। जिसका सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिलता दिखाई दे रहा है। भाजपा ने अपने चुनावी कार्यालयों को खोलने के साथ चुनाव प्रचार भी आरम्भ कर दिया है। जबकि कांग्रेस अभी प्रत्याशी की खोज में अटकी हुई है। सूत्र बताते हैं कि आज शाम तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने की पूरी उम्मीद है। बहरहाल सूत्रों की माने तो हरिद्वार सीट पर चुनाव रावत बनाम रावत के बीच होगा।