एड़ कमल ने भेजा उर्मिला सनोवर को कानूनी नोटिस

हरिद्वार। फिल्म अभिनेत्री उर्मिला सनावर के रोज-रोज फेसबुक, इंस्टाग्राम पर वीडियो व ऑडियो वायरल कर ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुरेश राठौर के द्वारा वनतरा रिसॉर्ट चिल्ला में वीआईपी के संबंध में दुष्यंत गौतम भाजपा नेता व अजय कुमार भाजपा नेता के संबंध में जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में कमल भदोरिया एडवोकेट ने उर्मिला सनावर को कानूनी नोटिस भेजते हुए जानकारी मांगी है कि जो एक वीडियो में ऑडियो के संबंध में जो जानकारी दी जा रही है। उसके संबंध में आपने उक्त ऑडियो को उसी दिन अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी और सूचना किस कारण से जानबूझकर छिपायी गयी।


नोटिस में कमल भदोरिया एडवोकेट ने यह भी कानूनी दृष्टिकोण रखा की अंकित भंडारी के मुकदमे में ना तो उर्मिला और ना ही पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ अभियुक्त हैं और ना ही गवाह है और ना ही उर्मिला के द्वारा विवेचक के सामने उपस्थित होकर किसी प्रकार की कोई जानकारी दी गई है, जिसे विवेचक ने अपने मुकदमे की केस डायरी में अंकित ना किया हो और ऐसा भी उर्मिला ने कोई तथ्य या बयान नोटिस दिए जाने की तारीख तक वायरल नहीं दिया है और जो भी बात है इससे वह भी स्पष्ट है कि उर्मिला और पूर्व विधायक सुरेश राठौर की आपसी बातें और आपसी रंजिश है, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और भाजपा के संगठन मंत्री अजय कुमार का नाम लेकर भाजपा को जानबूझकर बदनाम किया है।


कमल भदोरिया एडवोकेट ने अपने सहित उत्तराखंड वासियों की भावनाओं में इन नेताओं से जुड़ी होना बताते हुए उर्मिला संनावर के द्वारा जानबूझकर वायरल किया गया। नोटिस में बताया गया कि गलत वीडियो वायरल करने के कारण दुष्यंत गौतम व अजय कुमार को राज्य के उत्तराखंड क्रांति दल व कांग्रेस के लोग जो की हत्या तक करने का प्रयास कर रहे हैं मारपीट व जान से मारने की धमकी दे रहे हैं हाल में ही उनकी गाड़ी रोक कर अनर्थ करने का भी प्रयास किया गया, जो उर्मिला के द्वारा वायरल वीडियो के कारण ही हुआ है। नोटिस का जवाब तीन दिन के भीतर देते हुए समस्त वीडियो को डिलीट अपनी फेसबुक आईडी से व इंस्टाग्राम आदि से करते हुए सूचना कार्यालय में भिजवाए जाने के लिए भेजा गया है। साथ में यह भी स्पष्टीकरण नोटिस में मांगा है कि क्यों ना आपके विरुद्ध अपराधिकृत के कारण पहुंचाई गई मानसिक आघात की बाबत सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया जाए। नोटिस के अनुपालन में यदि कार्यवाही नहीं की गई तो सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने की भी चेतावनी नोटिस में दी गई है।

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