कोर्ट ने माना गलत, टेंडर का एक्सटकेंशन किया निरस्त
हरिद्वार। पार्किंग के नाम पर हुए करोडों रुपए के घोटाले में सीबीआई ने कार्यवाही करते हुए सिंचाई विभाग के एक अधीक्षण अभियंता, एक अधिशासी इंजीनियर, एक अधीक्षक अभियंता, उप राजस्व अधिकारी, दो ठेकेदार व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
दरअसल हरिद्वार में पंतद्वीप पार्किंग घोटाला रिद्धिम एसोसिएट्स नामक एक कंपनी से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में पार्किंग का जिम्मा संभाल रही कंपनी को सिर्फ उस समय तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया था, जितने दिन पार्किंग बंद रही थी। जिसका अनुमोदन भी तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने उच्च स्तर से प्राप्त किया था। हालांकि, इसके बाद अन्य अधिकारियों ने नए टैंडर कराने की जगह उसी ठेकेदार को एक्सटेंशन दे दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ समय बाद पार्किंग का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया और शुल्क में भी बढ़ोत्तरी की गई ताकि कंपनी को अतिरिक्त लाभ मिल सके।
मानकों को ताक पर रखकर उक्त कंपनी को दिए गए एक्सटेंशन के विरोध में अन्य ठेकेदार हाई कोर्ट चले गए थे। जिसके मद्देनजर हाईकोर्ट ने हरिद्वार की पंतद्वीप पार्किंग का टेंडर विस्तार दिए जाने के घपले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने यह कार्यवाही की। जिसमें अधीक्षण अभियंता आरके तिवारी, अधिशासी इंजीनियर एसएल कुडि़याल, अधीक्षक अभियंता अतर सिंह बिष्ट, उप राजस्व अधिकारी एन एस कुंडरा, ठेकेदार अजय कुमार, अरुण कुमार व दो
अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद सीबीआई ने आरोपियों के देहरादून, हरिद्वार स्थित कार्यालय, निवास व अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी कर सबूत इकट्ठे किए हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से घपले में जुड़े हुए बड़े अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
बताया जा रहा है कि पार्किंग घोटाले की आंच विभाग की आंच अब विभाग के कई उच्च अधिकारियों को भी अपने लपेटे में ले सकती है। इसके साथ ही एफआईआर में जिन अन्य दो आरोपितों को अज्ञात में दिखाया गया है, उनके भी नामों का जल्द खुलासा हो सकता है।
कोर्ट द्वारा विभाग की ओर से कोविडकाल में दिए गए ठेका विस्तार को गलत माना और सभी एक्सटेंशन निरस्त कर दिया गया था। हाईकोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कार्रवाई भी शुरू कर दी है।