इटावा कांड पर अखिलेश की सोच और संतों की चुप्पी खतरनाक: आनन्द स्वरूप

हरिद्वार। शांभवी पीठाधीश्वर व काली सेना प्रमुख स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने इटावा की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव व संतों की चुप्पी पर बड़ा हमला बोला है।


स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि कि कथा वाचकों के साथ जो हुआ वह निंदनीय है, किन्तु इस घटना के बाद ब्राह्मणों पर आक्रमण के लिए यादवों का आह्वान करना, गांवों में बोर्ड लगाकर यह लिखना कि ब्राह्मणों का गांव में प्रवेश व पूजा-पाठ कराना निषेध है। ब्राह्मणों के खिलाफ हिंसा करायी जा रही है, क्या यह सब उचित कहा जा सकता है।


स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि धर्म रक्षा का झंडा बुलंद रखने वाले संतों की इस मामले में चुप्पी भी चिंता का विषय है। ब्राह्मणों ने जो किया, वह गलत किया, किन्तु जाति छिपाकर कथा करने जाना, अपना नाम गलत बताना क्या यह अपराध की श्रेणी में नहीं है। क्या कथा वाचकों के इस कृत्य से दूसरों की भावना आहत नहीं होती है।


स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि यदि कोई ब्रह्मण से ही कथा करवाएंगे तो इसमें गलत क्या है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहाकि गुण-कर्म के चतुर्थ वर्ण बना है। यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करता है तो उसे उच्च वर्ग में जन्म मिलता है। उन्होंने कहा यदि संविधान की दृष्टि से धर्म को देखेंगे तो धर्म समाप्त हो जाएगा। धर्म को धर्म और धर्म को शास्त्र की दृष्टि से देखेंगे तो समस्या समाप्त हो जाएगी।


उन्होंने कहाकि सभी एक हैं। कोई भी अछूत नहीं है। वोट बैंक की राजनीति के लिए युवाओं को भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि यदि राजनीति का यह क्रम जारी रहा तो अखिलेश यादव को भगवान भी माफ नहीं करेगा।

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