जांच कमेटी गठित होने के बाद भी जांच फाईल ठंडे बस्ते में
हरिद्वार। शिवालिक नगर नगर पालिका में भ्रष्टाचार का जमकर खेल खेला गया। भ्रष्टाचार के इस खेल में ंकरोड़ों के वारे-न्यारे किए गए। इस संबंध में शिकायत भी की गई। शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी का गठन किया गया, किन्तु भ्रष्टाचार और राजनैतिक दवाब के चलते भ्रष्टाचार के मामले की जांच फाईल धूल फांक रही है। और भ्रष्टाचार करने वाले सफेद कुर्ता पहनकर स्वंय को पाक-साफ बताने में सबसे आगे हैं।
जानकारी के मुताबिक शिवालिकनगर नगर पालिका में विकास कार्यों की खरीद-फरोख्त में भारी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने सरकार से शिकायत की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने डीएम को इस संबंध में जांच करने के लिए निर्देशित किया था। जिलाधिकारी ने 1 दिसम्बर 2023 को वित्त्तीय अनियमितता की जांच के लिए कमेटी का गठन किया और सिटी मजिस्ट्रेट को जांच का जिम्मा सौंपा।
जांच के संबंध में तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट रविन्द्र जुवांठा ने 6 दिसम्बर 2023 को अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद शिवालिकनगर को पत्र भेजकर वित्तीय लेनदेन से संबंधी मूल पत्रावली व समस्त अभिलेख को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
सूत्र बताते हैं कि इस घोटाले में करीब 4 से 5 करोड़ की अनियमितताएं हैं। जांच कमेटी गठित होने के बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी। बताते हैं कि स्ंवय को फंसता देख उन अधिकारियों ने फाईल को दबाने का कार्य किया, जिन पर उस समय वित्तीय अधिकार थे और इस भ्रष्टाचार के सामने आने से उनकी लूटिया डूब सकती थी।
बहरहाल भ्रष्टाचार के इस मामले में क्या होता है। यह वक्त ही बताएगा। इतना अवश्य है कि यदि जांच सही प्रकार से की जाए और दबी फाइल पर कार्य किया जाए तो कई सफेदपोश बेनकाब हो जाएंगे।

शिवालिकनगर नगर पालिका में खेला गया भ्रष्टाचार का खेल!


