जंगल की आग से झुलसी नव विवाहिता की मौत हो गई है। इस संबंध में पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। व पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों ने समय पर एंबुलेंस सेवा न मिलने और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। घटना श्रीनगर के देवप्रयाग क्षेत्र की क्वीली पालकोट पट्टी के गोदाण गांव की है।
बता दें कि करीब पूजा उम्र 21 वर्ष आग से झुलस गई थी, जिससे परिजन उसे आनन-फानन में सीएचसी बागी लेकर गए। डॉक्टरों ने पूजा का प्राथमिक उपचार करने के बाद ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया, लेकिन जिस अस्पताल की एंबुलेंस से उसे ले जाया जा रहा था, वह शिवमूर्ति के समीप खराब हो गई, जबकि दूसरी एंबुलेंस भी साकनीधार में खराब हो गई। इसके बाद पौड़ी क्षेत्र की ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर आ रही 108 एंबुलेंस ने पूजा को साकनीधार से कौड़ियाला तक पहुंचाया। चौथी एंबुलेंस ने पूजा को एम्स अस्पताल पहुंचा, लेकिन एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पूजा के मायके के गांव बगसारी के उपप्रधान मनोहर रणाकोटी और कुर्न गांव की प्रधान पुष्पा रावत ने कहा कि पूजा को एम्स ले जाने के लिए चार एंबुलेंस का सहारा लिया गया। एक ही एबुंलेंस समय पर उसे एम्स पहुंचा देती तो, उसकी जान बच सकती थी। पता चला है कि पूजा अपनी ननद के साथ आग बुझा रही थी, तभी ये हादसा हुआ है।