स्वास्थ्य जल चिकित्सा, फायदे अनेक, करके तो देखिए

जी हाँ यह बात सही है कि जल है तो कल है। हमारे शरीर का 60 फीसदी हिस्सा भी जल है। इसके बिना जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। फादर नीप ने जल चिकित्सा पर अनेकों प्रयोग व आविष्कार किये। इन्होंने जल चिकित्सा पर प्रयोग कर बड़ी सफलता प्राप्त की।
तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में भी लिखा है
क्षिति जल पावक गगन समीरा, पञ्च तत्व मिली बनई शरीरा।

मानव शरीर पाँच तत्वों से बना है-मिट्टी, पानी अग्नि, वायु और शून्य। ये पंच महाभूत पंचतत्व भी कहलाते हैं। आज हम बात कर रहे इन्हीं पंच तत्वों में से जल तत्व की। जल चिकित्सा में पानी को अलग-अलग तापमान पर रखकर पीने से शरीर पर भी अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। हाइड्रोथेरेपी में वो सभी पद्धतियां सम्मिलित हैं जिनमें जल का उपयोग चिकित्सकीय उपचार के लिए किया जाता है, जैसे- आइस पैक्स, ठंडे पानी की पट्टियां, हॉट बाबू, कोल्ड बाघ आदि। ठंडे पानी की पद्धतियां बुखार को कम करती हैं। सिर दर्द में आराम पहुंचाती हैं। अनिद्रा में सोने से 15 मिनट पहले पैरों को गुनगुने पानी में दुबाना तनाव कम करता है। नींद अच्छी आती है। शरीर में पानी का संतुलन बिगड़े या फिर भी खाने-पीने में स्वच्छ पानी की तनिक भी कमी आ जाए तो बीमारी हमें घेर लेती है, जिसकी बेहतर चिकित्सा उपचार जल चिकित्सा से ही होता है।

जैसे-सर्दी जुकाम में नोजल नेति क्रिया करने से जुकाम की समस्या से मुक्ति मिलती है। पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए जल चिकित्सा आराम देती है। रोगी को टब में जल भर कर बैठा दें नाभि तक जल होनी चाहिए और एक गीला तौलिया सिर पर रख दें। एक गीले कपड़े से नाभि को चारों तरफ से रगड़ने को कहे ऐसा 20-30 मिनट करें पाचन क्रिया में आराम मिलता है। कब्ज और मोटापा में भी आराम मिलता है।
मन हलका करने के लिए वाक्य स्नान करना है। पेट में गैस बनने पर गर्म पानी पीकर उल्टी करने पर आराम मिलता है। शरीर में सूजन हो तो भी जल चिकित्सा करनी चाहिए।

मिर्गी के दौरे में सिर पर गीला तौलिया बाएं और पीठ पर धीरे-धीरे पानी की धार छोड़े टब या बाल्टी में। 5 से 7 मिनट तक दोनांे पैरों को पानी में डुबाकर एखें। शरीर में पानी की कमी ना होने दें। जल चिकित्सा निम्न बीमारियों में अचूक है। जैसे पेट से संबंधित रोगों में जल की भूमिका अति आवश्यक होती है। त्वचा रोगों, कब्ज, अनिद्रा थकान, जोड़ो के दर्द मिर्गी, डायबिटीज, अन्य कई रोगों में जल चिकित्सा बेहद असरदार होती है। खास बात की इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। कहा जा सकता है बीमारियों में रामबाण जल चिकित्सा है। जल एक औषधि का काम करता है। जल चिकित्सा से अनेक बीमारियाँ प्राकृतिक तरीके से ठीक हो जाती है।

Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com
9897902760

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