हरिद्वार। अखाड़े से निष्कासन के बाद आनन्द गिरि अखाड़े और अपने गुरु के विरोध में मुखर हो गए हैं। उन्होंने इस प्रकरण के बाद अपनी जाने को बड़ा खतरा बताया है। उनका कहना है कि उनके साथ कुछ भी हो सकता है। आस्ट्रेलिया में मुकद्में का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि वह भी एक षडयंत्र था। उनके उस प्रकरण में फंसने के बाद उनके शिष्यों से उन्हें छुड़ाने के नाम पर करीब 4 करोड़ से अधिक धनराशि इकट्ठा की गयी। वे बाइज्जत बरी हुए, किन्तु उनका पैसा उन्हें वापस नहीं किया गया। उनका कहना है कि श्यामपुर कांगड़ी हरिद्वार में निर्माणाधीन उनके आश्रम को षडयंत्र के तहत सीज करवा दिया गया। उन्होंने अखाड़े के संतों की हत्या को आत्महत्या दिखाने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि जो कुछ पूर्व में कुछ संतों के साथ हुआ है उनके साथ भी वैसा हो सकता है। जिस कारण से वह काफी भयभीत हैं। समय आने पर हर बात का वे जवाब देंगे। उन्होंने निष्कासन को लेकर उनके उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उनका कहना था कि जब वह अपने घर गए थे तो उस समय उनके गुरु भी उनके साथ थे। उसके बाद वे अपने घर तो क्या उस जनपद में भी नहीं गए।

गुरु के खिलाफ मुखर हुआ चेला, जतायी अनहोनी की आशंका


