नाबालिग से दुष्कर्म मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) श्रीकांत पांडे की अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई व 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना की रकम नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मामला इसी साल 4 जनवरी का है।
पीडि़ता पिता ने राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र में अपनी नाबालिग पुत्री की गुमशुदगी को लेकर प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्हें बताया कि 2 जनवरी को उनकी बेटी घर से रुद्रप्रयाग बाजार किताब कापी खरीदने को कहकर निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी। नाबालिग पुत्री की रिश्तेदारी व जान पहचान में काफी ढूंढ-खोज की गई लेकिन उसका कहीं भी कोई पता नहीं चल सका। 4 जनवरी को राजस्व उपनिरीक्षक में नाबालिग पुत्री के गुमशुदगी की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। पीडि़ता के पिता द्वारा दिये गये अज्ञात मोबाइल नंबर ट्रैकिंग के आधार पर हरिद्वार से पीडि़ता को अभियुक्त के कब्जे से बरामद किया गया और आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया।
मामले के जांच के दौरान पीडि़त पक्ष की ओर से कई गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। सभी गवाहों ने मामले का पूर्ण समर्थन किया गया। नाबालिग के मेडिकल में टेस्ट में उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित होने की पुष्टि हुई है। इस पर विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) श्रीकांत पांडे ने मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद गुरुवार को आरोपी राजकुमार उर्फ राजू को दोषी करार 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।