यति नरसिंहानंद सरस्वती बने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर

हरिद्वार। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता स्वामी नारायण गिरी महाराज की पहल पर जूना अखाड़ा के महामंत्री स्वामी हरि गिरी महाराज यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज को अपना शिष्य बनाकर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक किया। यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज वैश्विक परिदृश्य में इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध वैचारिक संघर्ष का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। कहा जाता है कि मानव इतिहास में इस्लाम के जिहादियों ने उनके सर की सबसे बड़ी कीमत लगाई है। ऐसे व्यक्ति को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर जूना अखाड़ा और संत समाज ने अपनी बदलती हुई प्राथमिकताओ को दर्शाया है।
यति नरसिंहनंद सरस्वती महाराज को जूना अखाड़ा में शामिल करके उन्हें स्वामी नरसिंहानंद गिरी नाम दिया गया। उनकी चोटी गुरु श्री महंत हरी गिरि ने काटी। भगवा गुरु श्री महंत प्रेम गिरी महाराज अध्यक्ष सभापति जूना अखाड़ा, उमा शंकर भारती, श्री महंत नारायण गिरी, रुद्राक्ष गुरु श्री महंत केदार पुरी महामंत्री, लंगोटी गुरु विधिवत सन्यास दीक्षा देकर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा में नरसिंहनंद गिरिको शामिल किया। आज प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने हरिहर आश्रम में उनको महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक किया और उनको देवी मंदिर डासना गाजियाबाद का पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर घोषित किया।

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