धर्म की राजधानी में धर्म की बात नहीं तो क्या पाकिस्तान में करें!
वसीम रिजवी ऊर्फ जितेन्द्र नारायण का हर हाल में देंगे साथ
हरिद्वार। हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर तक हुई धर्म संसद का मामला काफी गरमाया हुआ है। धर्म संसद में हुई बयानबाजी के चलते चारों ओर बयानबाजी का दौर चल पड़ा है। इन्हीं विवादों के बीच जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि हरिद्वार में धर्म संसद इससे पहले हरिद्वार में छह बार हो चुकी है। यह 7वीं धर्म संसद थी। लेकिन इस बार चुनाव होने के कारण उन्हें बदनाम कर मुद्दा बनाया जा रहा है, लेकिन हम इनसे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बयानों को तूल देकर उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहाकि हरिद्वार धर्म की राजधानी है। यदि हमंे अपनी बात कहने का अपने धर्म की राजधानी में ही अधिकार नहीं है तो हम अपनी बात क्या पाकिस्तान में जाकर कहेंगे। यति नरसिंहानंद ने कहा कि धर्म संसद का मंच ही ऐसा है, जहां लोग अपनी बात खुलकर कह सकें। उन्होंने कहा कि लोगों ने जिहाद पर बोलना शुरू कर दिया है। हरिद्वार में मुकदमा दर्ज होने पर उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और हम अपना काम करेंगे। हमें जेल भेजने की तैयारी इसलिए है कि हमें मार दिया जाए। यति नरसिंहानंद ने कहा कि उनकी मंशा है कि धर्म संसद इसी तरह चलती रहे। उन्होंने कहा कि जो भी उन्होंने कहा उस पर वो कायम हैं। अब जब इस बार धर्म संसद इतनी सफल रही है तो वह सभी साधु-संतों से विनती कर हरिद्वार में 6 महीने के अंदर ही एक विश्व धर्म संसद का आयोजन करेंगे। जिसमें विश्व भर से साधु-संतों और हिंदुत्व के लिए अपनी जान दे देने वाले संगठनों को इकट्ठा किया जाएगा।
हरिद्वार पुलिस द्वारा जितेंद्र त्यागी ऊर्फ वसीम रिजवी पर गई किए गए मुकदमों पर बोलते हुए स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि हिंदुत्व के लिए यह काफी शर्म की बात है कि धर्मनगरी हरिद्वार में हिंदुत्व के लिए खड़े होने वाले जितेंद्र त्यागी पर मुकदमा दर्ज हुआ है। वह सभी साधु संतों से निवेदन करेंगे कि वह जितेंद्र त्यागी का साथ दें।