यति नरसिंहानंद गिरि पर अखाड़े की गाज गिरना तय!

हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में यति नरसिंहनंद गिरि महाराज के संयोजन में चल रही तीन दिवसीय धर्म संसद के दूसरे दिन ऐसी घटना हुई जिसके चलते यति नरसिंहानंद गिरि पर अखाड़े की गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है।
बता दें कि यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने इस धर्म संसद में सभी धर्माचार्यों को आमंत्रित किया था। इसी कड़ी में उन्होंने श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज को भी आमंत्रित किया। महामण्डलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के आमंत्रण वे धर्म संसद में पहुंचे और उन्होंने धर्म-सृस्कति की रक्षा के लिए अपने सम्बोधन में सभी प्रकार के सहयोग का महामण्डलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को आश्वासन भी दिया। यहां तक तो ठीक रहा, किन्तु मंच से श्रीमहंत रविन्द्र पुरी को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के रूप में सम्बोधित कर यति नरसिहांनद गिरि ने अपनी मुसीबतें बढ़ा लीं। चूकिं अब अखाड़ा परिषद दो हो चुकी हैं। और दोनों अखाड़ा परिषदों के अध्यक्ष रविन्द्रपुरी हैं। साथ ही जिस जूना अखाड़े से महामण्डलेश्वर नरसिंहानंद गिरि जुड़े हुए हैं उस अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज दूसरे गुट वाली अखाड़ा परिषद के महामंत्री हैं और दूसरी अखाड़ा परिषद को वह गैर कानूनी और अल्पमत की अखाड़ा परिषद कहते आ रहे हैं। ऐसे में उन्हीं के अखाड़े के महामण्डलेश्वर द्वारा श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बताना वहां मौजूद कुछ संतों को नागवार लगा। इसी के साथ धर्म संसद के मंच से यह साफ हो गया की पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज के अगुवाई वाली अखाड़ा परिषद ही असली अखाड़ा परिषद है। ऐसे में धर्म संसद में मौजूद कुछ संतों को यह नागवार लगा तो चर्चा है कि दूसरे गुट को बुलाने और मंच पर स्थान देने के साथ अखाड़ा परिषद अध्यक्ष कहकर सम्बोधित किए जाने के कारण उन पर गाज गिरि सकती है।

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