हरिद्वार। तीर्थ सेवा न्यास द्वारा सनातन धर्म की गौरवशाली पुर्नस्थापना, संत परंपरा के संरक्षण और वेद-धर्म-संस्कृति के प्रचार का उद्देश्य पर आधारित विश्व सनातन महापीठ की स्थापना की घोषणा की गई।
प्रेस क्लब हरिद्वार में आयोजित प्रेस वार्ता में न्यास के संरक्षक हठयोगी व अध्यक्ष संत रामविशाल दास ने संयुक्त रूप से बताया कि यह महापीठ न केवल धर्म और आस्था का केंद्र होगा, बल्कि समाज, राष्ट्र व धर्म के संतुलन का स्तंभ भी बनेगा। जहां सनातन धर्म का दर्शन, पराक्रम, परंपरा, विज्ञान और संस्कृति एक साथ जीवंत होंगे।
जानकारी देते हुए हठयोगी ने बताया कि उक्त महापीठ के लिए जल्द ही भूमि का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने महापीठ के प्रथम चरण का अनुमानित बजट 300 करोड़ बताया। द्वितीय चरण में 200 करोड़ रुपये खर्च आएगा, जिसमें 108 यज्ञशालाएं, वैदिक गुरुकुल, देशी गौ संरक्षण एवं शोध केन्द्र, 108 संत कुटियां, 1008 भक्त निवास, वातानुकूलित संसद परिसर, संस्कार एवं शौर्य प्रशिक्षण केन्द्र व स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सनातन संग्रहालय और धर्म साहित्य भंडार की स्थापना भी की जाएगी जहां भारत की सांस्कृतिक धरोहर का संग्रह, संरक्षण और प्रचार होगा। यह महापीठ धर्म विज्ञान के साथ भारत को विश्वगुरु बनाएगी। महापीठ में शास्त्र के साथ शस्त्र और स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह महापीठ षडदर्शन समाज की परम्पराओं को समर्पित होगा।
प्रेस वार्ता में शिशिर चौधरी, अशोक सोलंकी, डा. बृजेन्द्र राजपूत व अन्य मौजूद रहे।

विश्व सनातन महापीठ की होगी स्थापना, शास्त्र के साथ शस्त्र की मिलेगी शिक्षा: हठयोगी


