राजनैतिक रैलियों में भीड़ तो कुंभ में प्रतिबंध क्योंः अविमुक्तेश्वरानंद

हरिद्वार। कुंभ मेला के आयोजन में अनियमितताओं को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने केंद्र, राज्य सरकार और मेला प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कुंभ के नाम पर लूट जारी है। यात्रियों को कुंभ में आने से रोका जा रहा है। राजनीतिक रैलियों में धन का लालच देकर लोगों को बुलाया जा रहा है। वहीं धार्मिक आयोजनों पर पाबंदिया लादी जा रही हैं। सरकार के इस दोहरे रवैये से साफ जाहिर होता है कि धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाने के लिए करोना का सहारा लिया जा रहा है।
कुंभ मेला क्षेत्र स्थित नील धारा टापू पर बने शंकराचार्य शिविर में पत्रकार वार्ता के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार और मेला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट है कि करोना राजनैतिक नहीं है। इसीलिए राजनैतिक रैलियों में शामिल लोगों को प्रभावित नहीं करता। करोना का धर्म से संबंध है। इससे वह धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों को ही प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि पूर्ण लाकडाउन में भी शराब की दुकानें खुली रही, वहीं मंदिरों पर ताले लटके रहे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि कुम्भ का आयोजन 12 साल के अंतराल पर आयोजित होता है। जिसमे करोडो लोग आस्था की डुबकी लगते हैं। महाकुम्भ में गंगा में एक डुबकी लगाने का पुण्य गंगा में अन्य दिनों में 1000 बार डुबकी लगाने के बराबर होता। कुंभ स्नान के लिए लोग 12 वर्षों का इंतजार करते हैं।ं लेकिन कुंभ सरकार की मंशा कुंभ स्नान कराने की नहीं हैं। मेला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए स्वामी ने कहा कि करोना के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है। लोगो में भ्रम फैलाया जा रहा हैं, जिससे लोग महा कुम्भ में न आये। मेला प्रशासन पाप कर रहा हैं। उन्हें रोड़ा अटकाने के स्थान पर समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने बताया कि नीलधारा में स्थित शिविर मेें 2 अप्रैल को अति हरिहर यज्ञ का शुभारंभ होने जा रहा है।ं 131 ब्राह्मणों के द्वारा 30 लाख आहुती डाली जाएंगी। आचार्य सुनील दीक्षित विद्वान ब्राह्मणो के साथ यज्ञ प्रारम्भ करेंगे। इसके उपरांत 13 अप्रैल से चंडी महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें 351 ब्राह्मण धनंजय शस्त्री के आर्चायत्व में यज्ञ करेंगे। इसके बाद तीन दिन का अनुष्ठान भी किया जायेगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि दो अप्रैल को जगद्गुरु शंकराचार्य मेरठ से हरिद्वार आयेंगे। वें कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में ठहरेंगे। आगामी 8 अप्रैल को मंगल प्रवेश यात्रा में ढोल, नगाड़ों, बेंड, बाजांे के साथ कुंभ मेला शिविर में प्रवेश करेंगे।

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