साधनानंद के बाद अग्नि अखाड़े के थानापति कौन, भाष्करानंद, साधनानंद या अन्य कोई

हरिद्वार। जूनागढ़ गुजरात के चापड़ा स्थित अग्नि अखाड़े के पूर्वं श्रीमहंत थानापति साधनानंद ब्रह्मचारी के अग्नि अखाड़ा छोड़कर बैरागी दिगम्बर अणी अखाड़े का संत बनने के बाद फिर से उठापटक शुरू हो गयी है। साधनानंद ब्रह्मचारी के जाने के बाद पद पर किसी अन्य को बैठाने के लिए राजनीति अपने चरम पर पहुंच गयी है। सूत्र बताते हैं कि अग्नि अखाड़े के सभापति ब्रह्मचारी मुक्तानंद अपने नजदीकी भाष्करानंद भारती को थानापति बनाने के पक्ष में थे, किन्तु भष्करानंद के नाम का विरोध होना शुरू हो गया है। बता दें कि भष्करानंद भारती संन्यासी है, जबकि भाष्करानंद भारती को भाष्करानंद ब्रह्मचारी बनाकर नर्मदा तट स्थित भागदी संगम में शिवानंद के साथ बैठाया हुआ था। यह वहीं शिवानंद हैं जिन्होंने मुक्तानंद पर आरोप लगाए थे। वहीं साथ में वहीं चर्चा है कि थानापति साधनानंद के बैरागी संत बनने के बाद भी उन्हकें दक्षिण काली मंदिर की भांति आजीवन लिखित में पद देते हैं या फिर अपने किसी नजदीकी को मुक्तानंद थानापति बनाते हैं या फिर अखाड़े के संत अपना वर्चस्व दिखाते हुए अखाड़े के किसी ब्रह्मचाारी को थानापति बनाते हैं। चर्चा है कि जो हाल दक्षिण काली मंदिर हरिद्वार को हुआ वैसा ही साधनानंद के साथ किया जा सकता है।

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