सफेद दाग, त्वचा के रंग द्रव्य के कम होने का अधिग्रहित विकार है। जो शरीर के विभिन्न हिस्सों पर, सफेद दाग और धब्बों के कारण होता है। जो मेलोसाइट्स के चयनात्मक क्षय को दर्शाता है। यह स्थिति दुनिया भर में, सभी जातियों को प्रभावित करती है। सौन्दर्य-प्रसाधन की विरूपता के कारण से इससे बहुत से तिरस्कार जुड़े हुए हैं।
जामुन:-
आग से जल जाने पर, सफेद दाग त्वचा पर पड़ जाता है। इस दाग को मिटाने के लिए जामुन के पत्तों को पीसकर नित्य लेप करें। दाग ठीक हो जाते हैं।
बथुआ:-
नित्य इसकी सब्जी का सेवन करें और कच्चे पत्तों को पीसकर, सफेद दाग पर नित्य दिन में दो बार लेप करें या तीन बार रस लगावें। ऐसा चार महीने तक करें। सफेद दाग होने पर, नित्य बथुआ उबालकर व निचोड़कर, इसके रस का सेवन करें और सब्जी भी बनाकर सेवन करें, यह रक्तशोधक है।
दाद, खुजली, फोडे, कुष्ठ व त्वचा रोगों में बथुआ के उबले पानी से त्वचा को धोएं। कच्चे पत्तों का दो कप रस निकाल कर,कर,आधा कप तिल के तैल में उबालें, जब तैल शेष रहे तो, उतार कर व छानकर रख लें। नित्य प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा लम्बे समय तक करें।
उड़द:-
उड़द के आटे को भिगोकर और फिर से पीसकर, सफेद दाग पर, नित्य चार महीने तक लगाने से दाग हट जाते हैं।
चना:-
मुठ्ठी भर काले चने और 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण, 125 ग्राम पानी में, 12 घंटे के लिए भिगों दें। फिर गीले कपड़े में बांधे। 24 घंटे बाद, अंकुर निकलने पर इन चनों को बहुत चबा-चबाकर, निरंतर कुछ महीने सेवन करने से, सफेद दाग नष्ट हो जाते हैं।
चने के आटे से बनी बिना नमक की रोटी घी से चुपड़ कर, सुबह-शाम सेवन करें।
छाछ:-
बावची, मूली के बीज, दोनों 4-4 चम्मच, हल्दी 2 चम्मच, इन सभी को पीस लें। इसमें 4 चम्मच बेसन और आधा कप छाछ मिला लें। इस लेप को सफेद दाग पर मलें और लेप करें और 4 घंटे तक लगा रहने दें। इस प्रयोग को निरंतर 4 महीने करते रहने से सफेद दाग नष्ट हो जाते हैं।
Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
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