इस्लाम के जिहादियों के डर से उच्चतम न्यायालय से दया मृत्यु की मांग करने गए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के शिष्यों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के साथ उनके शिष्यों को भी इस्लाम के जिहादी सर तन से जुदा करने की धमकी अक्सर देते रहते हैं जिससे कारण ये सभी सन्यासी दहशत में रहते हैं। आज उच्चतम न्यायालय दया मृत्यु मांगने गए संयासियों में अमर बलिदानी पण्डित कमलेश तिवारी के मित्र योगी सरोजनाथ, यति निर्भयानंद (पूर्व नाम डॉ अरविंद अकेला), स्वामी कृष्णानंद गिरी, यति रामस्वरूपानंद, यति कृष्णानंद, यति रणविजयानंद, यति सत्यानंद, यति यतींद्रानंद तथा अन्य सन्यासी भी थे।
इन सन्यासियों ने दिल्ली पुलिस को बताया कि हम सब सन्यासी शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के शिष्य हैं। और हम इस्लाम के जिहादियों के निशाने पर हैं। इस्लाम के जिहादी हर कीमत पर हमारा सर हमारे तन से अलग करना चाहते हैं। वैसे भी वो हर तरह से हिन्दुओंको मार ही रहे हैं। कहाकि किसी भी सरकार में हमारी रक्षा करने की ना तो शक्ति है और ना ही साहस है। ऐसे में हमारी हत्या तो निश्चित ही है। इस्लाम के जिहादियों का काफिर की हत्या करने का तरीका बहुत ही घिनौना और पीड़ादायक है। हम उससे बहुत डरे हुए हैं। अगर हम इस्लाम के जिहाद से बचने की बात भी करते हैं तो देश की पुलिस, प्रशासन, राजनैतिक तंत्र और न्यायपालिका हमंे जेल में डालती है और प्रताडि़त करती है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय से हमारा अनुरोध है कि हमारी मृत्यु को तय समझ कर हमें और हमारे गुरु जी महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज को दया मृत्यु प्रदान की जाये।


