त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटो के आरक्षण को लेकर ग्रामीणों ने जताई आपत्ति;पत्र लिखकर आयोग से की जांच की मांग

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 के लिए आरक्षित की गई सीटो मेे सामान्य वर्ग के कोटे को घटाने पर ग्रामीणों ने अपत्ती जताई। आरोप है कि जिला पंचायत राजअधिकारी ने राजनीतिक दबाव अथवा खुद के लालच के चलते ऐसा किया। जिसके बाद कांग्रेस ने आयोग से इस सम्बन्ध मेे उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठीत करने की मांग की है।

जिला पंचायत राजअधिकारी द्वारा जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए जो सामान्य वर्ग के लिए सीटो का कोटा निर्धारित किया गया उसको लेकर ग्रामीणों ने घोर आपत्ति जताई। जिसको लेकर कांग्रेसी नेता राव अफाक का कहना है कि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के चुनाव में आरक्षण नियमानुसार ओ०बी०सी० जाति वर्ग के लिये 14 प्रतिशत सीटो को आरक्षित किया गया है जबकी इसी सासनादेश के तहत ग्राम पंचायतो में प्रधानों के पद के लिए 50 प्रतिशत से अधिक सीटो को ओ०बी०सी० वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। जो सीधे सीधे सामान्य वर्ग के लोगों के अधिकारों का हनन है।

उन्होंने जिला पंचायत राजअधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा वह किसी राजनीतिक दबाव अथवा व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते कर रहे हैं। लिहाजा ग्रामीणों ने एक पत्र लिखकर आयोग से उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की व निष्पक चुनाव के लिए पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप को तत्काल हटाने की मांग की गई है।

आयोग को पत्र लिखने वालो में राव आफाक अली,तनवीर पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत, तनवीर पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत हरिद्वार कुमाव आदिक, काफिल, कबीर, भजन, अन्स अली आदि के नाम प्रमुख है।

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