जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर की गिरफ्तारी के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

हरिद्वार। छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार हुए दिल्ली के बाबा चैतन्यानंद सरस्वती जैसे धर्म का लबादा ओढ़ कई भेड़िए अभी भी समाज में खुले आम घूम रहे हैं। धरना-प्रदर्शन और शिकायत के बाद भी अर्मादित आचरण करने वाले कुछ भगवाधारी कालनेमियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। कार्यवाही न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने एक ऐसे ही बाबा की गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन कर आरोपित को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की।


मामला हरियाणा के गुरुग्राम के ग्राम भोड़ाकलां का है। एक संत ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भोड़ाकलां में महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि ने गंाव में मर्यादा के विपरीत आचरण किया था। पोल खुलने के बाद फिर वहां से फरार हो गया। आरोपी जूना अखाड़े का महामण्डलेश्वर है और फिलहाल उज्जैन में निवास कर रहा है।


नाम न छापने की शर्त पर एक संत ने बताया कि महामण्डलेश्वर शुरू से ही रंगीले मिजाज का रहा है। आरोपी हरियाणा के रोहतक जिले के जसईयां गांव का रहना वाला था, जो करीब 30 वर्ष पूर्व एक लड़की को लेकर फरार हो गया था। बताया कि लड़की को भगाकर ले जाने के बाद आरोपी महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि पंजाब के खन्ना में जाकर रहने लगा। यहां भी इसकेे किस्से खत्म नहीं हुए और अपनी इन्ही करतूतों के कारण इसे खन्ना को भी छोड़कर पंजाब के ही एकलवा गांव में जाकर बसना पड़ा।


कहते हैं कि चोर चोरी से जाए पर हेराफेरी वह कभी नहीं छोड़ता। पंजाब के एकलवा में भी अपनी आदत के चलते महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि ने वहां भी गुल खिलाए और उसे वहां से भी भागने को मजबूर होना पड़ा। संत ने बताया कि एकलवा से भागने के बाद महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि हरियाणा के गुरुग्राम के भोड़ाकलां गांव में आकर बस गया। यहां इसने कई अर्मादित कार्य किए। महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि की कई वीडियो वायरल हुई। अकूत सम्पत्ति का मालिक महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि ने पैसे के दम पर कुछ की जुबान बंद कर दी, किन्तु इसे भौंड़ा कलां से भी भागने को मजबूर होना पड़ा। यहां से भागने के बाद महामण्डलेश्वर ज्योति गिरि महाराष्ट्र के नासिक के मनमाड़ में रहने लगा, किन्तु यहां भी उसकी दाल ज्यादा दिन अपने कार्याें के कारण नहीं गली। फिलहाल बाबा उज्जैन में निवास कर रहा है।


बाबा के छह साल बाद गांव में पुनः आने की सूचना पर भ़ोड़ा कलां गांव के ग्रामीणों ने बाबा के खिलाफ 21 सितम्बर को प्रदर्शन किया और उसकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। इस संबंध में गांव में पंचायत हुई। 36 बिरादरी की हुई पंचायत में सभी ने एक स्वर में बाबा को गांव मे न घुसने देने और बाबा की गिरफ्तारी की मांग की। गांव वालों का कहना है कि यदि बाबा गांव में आया तो बाबा और ग्रामीणों में से एक ही रहेगा। ग्रामीणों का कहना था कि बाबा ने जो कृत्य किए थे गांव वाले उसे भूल गए थे, किन्तु बाबा ने पुनः गांव में आने की घोषणा कर उन कृत्यों की याद दिला दी है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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