बड़ी खबरः वसीम रिजवी व यति नरसिंहानंद शीघ्र होंगे एकं, षडयंत्रकारी होंगे बेनकाब

हरिद्वार। हिन्दू धर्म अपनाकर वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) से जितेन्द्र नारायण त्यागी बने वसीम रिजवी व वसीम रिजवी का धर्मांतरण कराने वाले यति नरसिंहानंद गिरि के बीच रिश्तों में आयी दरार शीघ्र ही दूर होगी। दोनों फिर से एक होंगे और षडयंत्रकारियों का पर्दाफाश होगा।
बता दें कि डासना स्थित काली मंदिर के स्वामी नरसिंहानंद गिरि महाराज ने वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) को हिन्दू बनाते समय अपने पिता के नाम से उन्हें जोड़ते हुए जितेन्द्र नारायण त्यागी नाम दिया था। हरिद्वार में आयोजित हुई धर्म संसद में हेट स्पीच देने के मामले में वीसम रिजवी (Vasim Rizvi) को जेल की हवा खानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त तीन माह की अंतरिम जमानत दी है। जिसके बाद वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) ऊर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी जेल से बाहर आए। जेल से बाहर आते ही दोनों के बीच में उत्पन्न हुई दूरियां भी सामने आयीं। इस मामले को लेकर यति नरसिंहानंद गिरि ने पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा था। सूत्र बताते हैं कि वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) और यति नरसिंहानंद के बीच दूरियां बढ़ाने वालों के चेहरे सामने आने लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) ने यति नरसिंहानंद गिरि से मुलाकात की कोशिश की, किन्तु नरसिंहानंद गिरि के बाहर होने के कारण मुलाकात नहीं हो पायी। सूत्र बताते हैं कि दोनों के बीच दूरियां बढ़ाने के पीछे कई लोगों का हाथ है। जिसमें कुछ भगवाधारी तो कुछ बड़े दलों के नेता है। सूत्रों की माने तो इस कार्य के लिए बिचौलियों को फंडिंग भी दल विशेष के व्यक्तियों से होती है। जिसके चलते हाल ही में बिचौलियों और दलों के नेताओं से उनकी गुप्त मंत्रणा भी हुई है। सूत्र बताते हैं कि दूरियां बढ़ाने का मतलब नरसिंहानंद गिरि को बैकफुट पर लाकर वसीम रिजवी (Vasim Rizvi) को ढाल बनाकर स्वंय को आगे लाना है।

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