देहरादून। UKSSSC की परीक्षा में पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अब सेलाकुई स्थित एचएनबी उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों को दबोचा है। दोनो आरोपी देहरादून के सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत है।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी ने बताया है कि वो UKSSSC परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे। इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे। ये दोनों आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे थे, जहां इन्होंने एक गुप्त स्थान पर जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई।
दरअसल, मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत की सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई। इसके बाद जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा की मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई।
यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना। STF जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और UKSSSC में परीक्षा दी थी, जिसमें भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी के रूप में हुई हैं। दीपक मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के ग्राम भंसवाड़ी का रहने वाला है और वर्तमान में बालावाला, देहरादून में रहता है। भावेश मूल रूप से उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लाक में दिचली पट्टी के जोगत गांव का रहने वाला है। वह देहरादून में विद्या विहार में रहता है।
बताते चलें कि इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ अब तक कुमाऊं एसपी के गनर सहित कई लोगो की गिरफ्तारियां कर चुकी है, जबकि पेपर लीक से जताई गई 35.89 लाख रुपए की रकम भी बरामद की गई है। मामले की जांच चल रही है और गिरफ्तारी भी हो सकती है।