तुलसी में गजब की रोगनाशक शक्ति है। विशेषकर सर्दी, खांसी व बुखार में यह अचूक दवा का काम करती है। इसीलिए भारतीय आयुर्वेद के सबसे प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में कहा गया है। सुबह पानी के साथ तुलसी की पत्तियां निगलने से कई प्रकार की बीमारियां व संक्रामक रोग नहीं होते हैं।
- तुलसी हिचकी, खांसी,जहर का प्रभाव व पसली का दर्द मिटाने वाली है।
- इससे पित्त की वृद्धि और दूषित वायु खत्म होती है।
- यह दूर्गंध भी दूर करती है।
- तुलसी में कई ऐसे गुण हैं जो बड़ी-बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक है।
- जो लोग प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियां खा लेते हैं वे अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहते हैं। इसका तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी, बुखार, मलेरिया, कालाजार, जुकाम या काफ, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, दमा, स्मरणशक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्चअथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, कब्ज, गैस, मन्दाग्नि, गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी खून की कमी,दांतों का रोग, सफेद दाग तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते हैं ।
- सिर, गले, नाक का दर्द, आंख के रोग, सूजन, खुजली, अजीर्ण, उलटी , हृदयरोग, कृमि, फोड़े, मुहांसे, जलन , बालतोड़, लू लगना,स्वप्नदोष, मूर्छा, विष आदि तथा स्त्रियों और बच्चों के सामान्य रोगों का इलाज स्वयं ही किया जा सकता है। तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता तीव्रता से बढ़ती है और खाली पेट बीस-पच्चीस तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्वाईन फ्लू से बचा जा सकता है। तुलसी दमा टी.बी. में भी गुणकारी है। बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के 5 पत्ते खाने के अनोखे फायदे है।
- तुलसी एक ऐसा पौधा है जो कई तरह के अद्भुत औषधिय गुणों से भरपूर है।मासिक धर्म के दौरान कमर में दर्द हो रहा हो तो एक चम्मच तुलसी का रस लें। इसके अलावा तुलसी के पत्ते चबाने से भी मासिक धर्म नियमित रहता है।
- तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। मुंह के छाले दूर होते हैं व दांत भी स्वस्थ रहते हैं।
Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
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