भगवान शिव ही सृष्टि का आधारः त्रिवेणी दास

धूमधाम से निकाली गई श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर में शिव बारात


हरिद्वार।
भगवान शिव ही सृष्टि का आधार हैं। बिना शिव के सृष्टि की कल्पना भी संभव नहीं है। शिव कृपालु हैं। उनके नाम स्मरण मात्र से ही व्यक्ति का कल्याण हो जाता है, इसी कारण से भगवान शिव को कल्याणकारी देव कहा जाता है। उक्त उद्गार श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन भगवान शिव की बारात के शुभारम्भ अवसर पर मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने व्यक्त किए।


भगवान शिव व माता सती के विवाह दिवस महाशिवरात्रि पर्व को लोक कल्याणकारी बताते हुए उन्होंने कहाकि बिना शिव के शक्ति और बिना शक्ति के शिव अधूरे हैं। कहाकि शिव में शक्ति और शक्ति में शिव समाहित हैं। किसी एक की आराधना करने से दोनों की आराधना स्वतः ही हो जाती है। उन्होंने कहाकि श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव कष्टों को हरने वाले देव हैं। जिस प्रकार से शुक्ल पक्ष में तिलभाण्डेश्वर महादेव का शिवलिंग तिल-तिल बढ़ाता है उसी प्रकार से इनकी आराधना करने वाले व्यक्ति के धन व ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। जिस प्रकार से कृष्ण पक्ष में शिवलिंग तिल-तिल बढ़ता है उसी प्रकार आराधना करने वाले व्यक्ति के पापों व रोगों का नाश हो जाता है। इसके लिए केवल आवश्यकता है सच्ची श्रद्धा की। इसके पश्चात भगवान शिव की बारात का हरिद्वार विधायक मदन कौशिक व मंदिर के श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने शंख ध्वनि व गणेश पूजन के साथ शुभारम्भ किया गया।


विधायक मदन कौशिक ने कहाकि हरिद्वार के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। इनकी आराधना प्रत्येक प्राणी को करनी चाहिए।
शिव बारात में मनमोहक झांकिंया आकर्षण का केन्द्र रहीं। वहीं बारात में भूत-प्रेतों की टोली व उनका नृत्य विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे। शिव बारात श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर से आरम्भ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई पुनः मंदिर प्रांगण में पहुंचने पर सम्पन्न हुई। शिव बारात का जगह-जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर बारात की व्यवस्था बनाने वालांे मंे मुख्य रूप से योगेश वत्स, श्रीमति अचला मल्होत्रा, अरविंद अग्रवाल, हिमांशु चोपड़ा, भारत भूषण, प्रमोद कुमार, सुन्दर सिंह मनवाल, अमित चावला, सचिन गुप्ता, विक्की बहल, विजय अग्रवाल, बीना राजपूत, रमेश भट्ट, विनोद शर्मा, नितिन शर्मा आदि प्रमुख थे।

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