बड़ी खबरः 16 विशिष्ट भगवाधारियों पर लटकी मुकद्में की तलवार!

पड़ सकता है ग्रहण का कुप्रभाव, जेल जाने की संभावना हुई प्रबल!
हरिद्वार।
शनिश्चरी अमावस्या के साथ आज सूर्य ग्रहण भी है। इस सूर्य ग्रहण पर बनने वाला योग ज्योतिषियों के मुताबिक 100 वर्षों बाद बना है। वहीं इस संवत्सर के राजा शनि देव हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। इस कारण से ज्योतिषियों के मुताबिक इस वर्ष न्याय का पक्ष मजबूत रहेगा।
शनि के राजा होने और सूर्य ग्रहण पर बन रहे योग का प्रभाव देश या विश्व में कहीं दिखायी दे या ना दिखायी दें, किन्तु तीर्थनगरी हरिद्वार में ग्रहण व शनि के राजा होने का प्रभाव दिखायी देने लगा है। जिसके कारण हरिद्वार समेत देश के कई राज्यों के करीब 16 वरिष्ठ भगवाधारी व कालनेमियों को अदालती चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। सीधे शब्दों ंमें कहे तो इन 16 के खिलाफ शीघ्र ही संगीन धाराओं में मुकद्मा दर्ज हो सकता है। यदि मुकद्मा दर्ज हो जाता है तो ऐसे भगवाधारी व कालनेमियों को जमानत के लिए कुछ महीनों का इंतजार भी करना पड़ सकता है। संभावना है कि शायद हो सकता है कि इनको चातुर्मास भी सलाखों के पीछे अपने कथित मित्रों के साथ ना मनाना पड़े।
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला बड़ी सम्पत्ति से जुड़ा हुआ है। सम्पत्ति पर किसी का भी अधिकार ना होते हुए उस पर अपना स्वामित्तव बताया जा रहा है। जबकि न्यायालय पूर्व में सम्पत्ति का वारिस व उत्तराधिकारी मानने से स्पष्ट इंकार कर चुकी है। बावजूद इसके कुछ भगवाधिरियों ने मिलकर एक सम्पत्ति को एक व्यक्ति विशेष के नाम कर दी। इतना ही नहीं दूसरे की सम्पत्ति को भी अन्य के नाम कर दिया गया। सबसे मजेदार बात यह कि सम्पत्ति को लेने वाला, सम्पत्ति को देने वाला और सम्पत्ति को बेचने वालों में से किसी का भी सम्पत्ति पर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से अधिकार नहीं है। न्यायालय के आदेश के बाद भी इनके द्वारा यह खेल खेला गया। अब इन कालनेमियों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। स्वंय को फंसता देख अपने को बचाने के लिए 16 में 1 कालनेमी ने अपने पांच सेनापतियों को मैदान में उतारा है। जबकि दूसरी ओर से केवल एक ही सेनापति सत्य की ढाल लिए हुए मैदान में है। 16 में से कुछ हरिद्वार में निवास कर रहे हैं तो कुछ अन्य प्रदेशों में विशेष पद पर आसीन हैं। जिस प्रकार से ज्योतिष गणना बता रही है कि इस संवत्सर के राजा शनि होने के कारण न्याय मिलेगा तथा सूर्य ग्रहण का कुप्रभाव भी कुछ राशियों पर पड़ेगा, हालातों को देखते हुए ज्योतिष गणना का फलित सही होते दिखायी दे रहा है। संभावना है कि मई के प्रथम सप्ताह मेें कालनेमियों का आवरण उतर जाए। यदि इनके द्वारा कोई पैतरेबाजी आजमायी गयी तो एक सप्ताह का विलंब हो सकता है किन्तु मुकद्में के शिकें में इनका फंसना अब तय हो चुका है।

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