हरिद्वार। एक समय था जब राज सत्ता धर्म सत्ता के आगे नतमस्तक हुआ करती थी। आज हालात यह है कि धर्म सत्ता राज सत्ता के समक्ष नतमस्तक हुई दिखती है। हालात यह हैं कि दिखावे के चक्कर में धर्म सत्ता के लोग अपनी मर्यादा तक को भूल जाते हैं और राजसत्ता में बैठे लोगों की चरण वंदना करने तक से पीछे नहीं हैं।
सूत्रांे के मुताबिक ऐसा ही नजारा तीर्थनगरी में देखने को मिला। जहां एक गैर राजनैतिक संगठन के पदाधिकारी के समक्ष एक वरिष्ठ संत गिडगिता देखा गया। बताते हैं कि पदाधिकारी कुर्सी पर विराजमान थे और संत नीचे बैठकर उनसे हाथ जोड़कर गुहार लगा रहे थे। संत ने गिडगिड़ाते हुए कहाकि उन्हें वे जुगत लगाकर राज्यपाल बनवा दें। यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो कम से कम राज्यसभा सांसद तो बनवा ही दें। हालांकि पदाधिकारी ने इस संबंध मंे काई जवाब नहीं दिया। जिनसे गुहार लगायी गयी वे भद्र पुरूष हैं। सुनने के बाद भी अनसुना कर गए। वैसे आपको बता दें कि जिस संत द्वारा गुहार लगायी गयी उन्हें तीर्थनगरी के कुछ लोग नंगा बाबा के नाम से पुकारते हैं। अब जरा कल्पना कीजिए की यदि नंगा बाबा को राज्यसभा सांसद या राज्यपाल बना दिया जाए तो राजभवन व संसद को नजारा क्या होगा।

संत ने लगाई गुहार, सांसद या राज्यपाल बनवा दो माई-बाप!


