हरिद्वार। पन्द्रह वर्षीय किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में एडीजे, एफटीएससी न्यायाधीश पारुल गैरोला ने आरोपी युवक को दोषी पाया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष की कैद व 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 12 नवम्बर 2019 में रानीपुर क्षेत्र स्थित घर से एक नाबालिग छात्रा स्कूल के लिए गई थी। शाम तक वापिस नहीं लौटी, तो पीडि़ता के परिजनों ने उसे उसके दोस्तों व रिश्तेदारों के घर तलाश किया। काफी तलाश के बाद पीडि़ता के परिजनों ने अज्ञात युवक के खिलाफ एक लिखित शिकायत देकर पीडि़ता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि मुकदमा दर्ज होने पर आरोपी के रिश्तेदार व उसके भाई पीडि़ता को गैस प्लांट चौकी के पास छोड़ गए थे। परिजनों ने आरोपी सुधीर पुत्र हरनन्द निवासी ग्राम नवोदय नगर थाना सिडकुल के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पीडि़त किशोरी ने पुलिस व अपने परिजनों आपबीती बताते हुए आरोपी युवक पर रास्ते में से उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर बिजनौर ले जाकर कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से आठ गवाह पेश किए।
अर्थदंड की राशि जमा न करने पर छह माह कैद
एफटीएस कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में आरोपी युवक पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी युवक को छह महीने अतिरिक्त कारावास भुगतने के भी आदेश दिए हैं।
अर्थदंड की राशि में से 50 हजार पीडि़ता को देने के आदेश
एफटीएस कोर्ट ने अर्थदंड की राशि में से 50 हजार रुपये बतौर प्रतिकर राशि पीडि़ता को आर्थिक सहायता के रूप में देने के आदेश दिए हैं।साथ ही, उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने व पीडि़ता को उचित निर्धारण के बाद निर्भया प्रकोष्ठ से भी आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं।