जेल में बंद नेत्री की कहानी, गुडों के बीच फंसी थी गुंडी नेत्री

गिरफ्तारी से पूर्व एक और हुआ था बड़ा कांड, छुटभैय्ये परेशान


हरिद्वार।
मां की ममता को कलंकित करने वाली संस्कारी पार्टी की नेत्री के कारनामे अब धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं। कैसे नेताओं ने अपने स्वार्थ के चलते निर्दयी महिला का सहारा लेकर अपना मुकाम पाया। अब नेताजी की सांसे अटकी हुई हैं की कहीं अगला नम्बर उनका न आ जाए, जिससे दूसरों की इज्जत को तार-तार करने वाले की खुद इज्जत सरे बाजार नीलाम हो जाए। यही कारण है कि नेताजी ने नेत्री को बचाने का भरपूर प्रयास किया, किन्तु वे सफल नहीं हो पाए।


सूत्रों के मुताबिक नेत्री की गिरफ्तारी से पूर्व एक और बड़े कांड को तीर्थनगरी में अंजाम दिया गया था, जिसके चर्चे नहीं हुए। तीर्थनगरी आने पर यह नेत्री एक और नेता का शिकार हुई थी।


सूत्रों के मुताबिक एक बड़े नेता का तीर्थनगरी में कुछ दिन पूर्व आगमन हुआ था। नेताजी कार्यक्रम में शिरकत करने पर एक कोठी में विश्राम के लिए पहुंचे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक वहां नेताजी की सेवा के लिए इन नेत्री को भेजा गया था।


मजेदार बात यह की यह सब गुप्त रखा गया था, किन्तु अचानक एक नेता नेताजी की कोठी में पहुंच गए और वहां जो नेताजी और नेत्री के बीच कांड चल रहा था, उसको देखकर स्थानीय नेताजी सकपका गए और उल्टे पैर वापस लौट आए। यह सब देखकर नेताजी सकते हैं।


वहीं दूसरे नेता जो इस नेत्री का सहारा लेकर अर्श से फर्श तक पहुंचे उसके पीछे एक और बड़ा कारण है। सूत्र बताते हैं कि अपने प्रतिष्ठान पर लोगों की खिदमत करने वाले नेताजी के पास एक बड़े नेता की वीडियो भी है, जिसके चलते छोटे नेताजी बड़े नेताजी को जरूरत पड़ने पर ब्लैकमेल करते रहते हैं और बड़े नेताजी छोटे को कुछ कह नहीं पाते।

वैसे अब छोटे-बड़े दोनों नेताओं के हाथ-पावं फूले हुए हैं की कहीं मोबाइल कुछ राज न खोल दे। अब समय ही बताएगा की ऐसे नेताओं का क्या हश्र होता है, जो नैतिकता के साथ देवभूमि उत्तराखण्ड और तीर्थनगरी हरिद्वार की गरिमा को तार-तार करने का कार्य कर रहे हैं।

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