हरिद्वार। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कांत वशिष्ठ ने कहा कि केंद्र एवम राज्य सरकारें तीर्थांे की मर्यादा तथा तीर्थ पुरोहित वर्ग के अधिकारों से छेड़छाड़ ना करें। उज्जैन नगरी में आयोजित महासभा के पदाधिकारियों एवम संरक्षकांे की आवश्यक बैठक से लौट कर प्रेस को जारी बयान में बैठक में आए सुझावों व निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि भारतवर्ष के सभी तीर्थों के पुरोहित समाज की संस्था होने के कारण महासभा की बैठक में तीर्थांे से आए साठ से ज्यादा पदाधिकारियों व संरक्षकांे ने मंच पर अपने-अपने तीर्थ की समस्याओं को उठाते हुए सरकार, प्रशासन पर तीर्थांे पर विकास के नाम पर पौराणिक मर्यादाओं तथा पुरोहित वर्ग के अधिकारों का हनन करने की जानकारी दी।
महासभा द्वारा ध्वनिमत से सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि पुरोहित समाज तीर्थों के विकास का विरोधी नहीं है, किंतु विकास की आड़ मंे तीर्थों एवम तीर्थ पुरोहित वर्ग को प्रभावित किया जा रहा हैं, जिसे लेकर देश भर के पुरोहित अपने-अपने तीर्थांे, राज्यों में विरोध करेगें। उन्होंने कहा यदि सरकार, प्रशासन महासभा के विरोध को अनदेखा करता है, तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देशभर के पुरोहित, पंडा समाज द्वारा हजारों की संख्या में प्रदर्शन किया जायेगा।
साथ ही उपाध्यक्ष वशिष्ठ ने बताया कि महासभा किस ीभी राजनैतिक दल से जुड़ी हुई नहीं है, इसलिये बैठक में तय किया गया है कि चुनावों में जो भी दल तीर्थ स्थलों की मर्यादा तथा पुरोहित समाज के अधिकारों की रक्षा करता है तो उन्हीं का समर्थन पुरोहितांे द्वारा किया जायेगा।