हरिद्वार। होली भक्तिमय वातारण में मनाए जाने का पर्व है। यह भक्त के विश्वास की जीत और भगवान की भक्त पर अनुकम्पा का पर्व है। यह बात श्री सूरतगिरि बंगला गिरिशानंदाश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज ने मंगलवार को आश्रम में आयोजित फूलों की होली के अवसर पर संतांे व भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहाकि होली महाउत्सव है। यह किसी जाति, वर्ण विशेष का नहीं यह हर एक का है। यह भक्ति की पराकाष्ठा और भगवान की अहेतुकी कृपा का पर्व है। यही कारण है कि अग्नि भी भक्त प्रह्लाद का कुछ नहीं कर पायी और वरदान पायी होलिका क्षण भर में भस्म हो गई। इस पर्व को व्यसन मुक्त होकर मनाना चाहिए।
इससे पूर्व गंगा पूजन किया गया। स्वस्तिवाचन के साथ महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज का पूजन किया गया व सभी ने फूलों की होली खेली
इस अवसर पर कोठारी स्वामी उमानदं गिरि, स्वामी शिवस्वरूपानंद गिरि, स्वामी कमलानंद गिरि, प्रदीप गिरि, स्वामी वल्लभदास, शिवपूजन, सच्चिदानंद, सुधीर आदि आश्रमस्थ संत व विद्यार्थी उपस्थित थे।