कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान पर भड़के स्वामी शिवानंद

चैनेलाईजेशन के नाम पर दी जेसीबी, पोकलैंड से गंगा में खनन की अनुमति: स्वामी शिवानंद

हरिद्वार। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सतपाल महाराज नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए पूरी योजना बनाकर हाई कोर्ट जायेंगे ताकि बाढ़ की परिस्थितियों से पार पाया जा सके। लेकिन चैनेलाइजेशन खनन है, और कुछ भी नहीं है । चैनेलाइजेशनइन के नाम पर जेसीबी, पोकलैंड से खनन की अनुमति दी जाएगी और सारा माल स्टोन क्रेशरों को भेजा जाएगा । आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज के साथ जो अन्य गणमान्य मौजूद थे, उनमें से अधिकांश का खनन और स्टोन क्रशिंग माफियाओं के साथ सीधा संबंध है ।

स्वामी शिवानंद ने वशिष्ठ को प्रशासन ने दिनांक 19 जुलाई 2023 को प्रेस विज्ञप्ति जारी की है: “महाराज का मुख्यमंत्री से आग्रह, पानी में डूबे क्षेत्रों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए”, जिसमें प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज द्वारा बयान दिया गया है कि पूलों के नीचे गाद बढ़ जाने के कारण नदियों का पानी घरों में घुस रहा है। ऐसे में नदियों के चैनेलाइजेशन के लिए पूरी योजना बनाकर हाई कोर्ट जायेंगे ताकि बाढ़ की परिस्थितियों से पार पाया जा सके। स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा नदी को चैनेलाइज करने के नाम पर खनन कैसे हो, इसपर सभी नेता-अधिकारी एकमत होकर अपने-अपने विशेषज्ञ राय रख रहे हैं ।

प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज को पर्यावरण और विज्ञान का कितना ज्ञान है कि वे अपने आप ही इस अति संवेदनशील पर्यावरण के मुद्दे पर स्वयं निष्कर्ष निकाल लें और चैनेलाइजेशन के लिए प्रस्ताव भेज दें? इससे लगता है यह सरकार केवल हरिद्वार और गंगा जी को नष्ट करने के लिए ही आयी है । जब माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से खनन बंद है तब चैनेलाइजेशन के नाम पर खनन कर स्टोन क्रेशर को माल पहुंचाएंगे ? गंगा जी में अनेक द्वीप थे, आज उनमें से अधिकांश नष्ट हो गए हैं या होने के कगार पर हैं । बाढ़ को रोकने के लिए नदी किनारे जो बांध बनते हैं, उन्हें जान-बूझकर तोड़कर खनन की अनुमति दी जाती है । नेता और अधिकारी इस बात को ठीक से समझ ले कि हरिद्वार में बाढ़ का मुख्य कारण खनन है ।

हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी श्री आर मीनाक्षी सुंदरम का 2010 का बयान है कि हरिद्वार में खनन से नदी को गहरा कर दिया गया, जिससे नदी में कटान अधिक हुआ जिस कारण से बाढ़ की स्थिति बनी है । इसलिए अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध व आवंटित खनन पट्टों को निरस्त किया जाएगा । सतपाल महाराज जबसे प्रभारी मंत्री बने हैं, तबसे खनन माफियाओं का इतना दबाव महसूस कर रहे हैं कि खनन खुलवाने के पीछे पड़ गए हैं और माननीय उच्च न्यायालय में याचिका ले जाने की बात कर रहे हैं और माननीय उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीश भी ऐसे हैं जो अनुमति दे देंगे । मातृ सदन यह बार-बार चेतावनी दे रही है कि यदि हरिद्वारवासी हरिद्वार को खनन व स्टोनक्रेशर माफियाओं से मुक्त नहीं करवाएंगे तो हरिद्वार बर्बाद हो जाएगा ।

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