हरिद्वार। स्वामी रूद्रानंद गिरि शिष्य स्वामी परमेश्वरानंद गिरि महाराज चोखडी, जूनागढ़ गुजरात ने निरंजनी पीठाधीश्वर स्वमी कैलाशांनद ब्रह्मचारी व अग्नि अखाड़े के श्रीमहंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त करने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट में शिकायत दर्ज करायी है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कलेक्ट्रेट ने तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं।
कलेक्ट्रेट जूनागढ़ को की गयी शिकायत में स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज ने कहाकि गौमुखी गंगा तथा रावतेश्वर धर्मालय ट्रस्ट बीलखा में महंत की नियुक्ति के लिए फर्जी दस्तावेजों का आधार पर करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहाकि नियुक्त के लिए दिए सहमति पत्र व आवेदक के हस्ताक्षर दोनों ही अलग हैं। कहाकि महंत की नियुक्ति के आवेदक के समर्थन में श्री पंच अग्नि अखाड़े के सभापति श्रीमहंत मुकंुुदानंद ब्रह्मचारी द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र संलग्न करते हुए कहाकि इन्हीं सभापति ने ट्रस्ट के महंत की नियुक्ति करने संबंधी तथा गोपालानंद की निजी सम्पत्ति के देखरेख करने के लिए प्रमाण पत्र दिया गया है, जो की 16 जनवरी 2019 स्वं. गोपालानंद गुरु प्रेमानंद की चल अचल सम्पत्ति के सक्सेशन एक्ट के तहत पेश किया गया है। इसी के साथ महंत मुकुंनदानंद का 20 फरवरी 2019 का प्रमाण पत्र महंत सुदामानंद को दिया गया है। तीनों की प्रमाण पत्र श्रींपख् अग्नि अखाड़े के सभापितयों के क्षरा दिए गए थे। जो 26 दिसम्बर 2018 का प्रमाण पत्र व 16 फरवरी 2019 का प्रमाण पत्र सिविल जज जूनागढ़ की अदालत में प्रस्तुत किया गया है। दोनों प्रमाण पत्र महंत मुक्तादंान ने अलग-अलग व्यक्तियों को दिए गए है। जो आईपीसी के अनुसार दण्ड की श्रेणी में आता है। इसी के साथ महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशांनद शिष्य गोपालानंद ने फर्जी हस्ताक्षर वाला आवेदन प्रस्तुत कर महंत की नियुक्ति का आदेश प्राप्त किया है। जो धारा 340 व 191 के तहत अपराध है। उन्होंने शिकायत में कहाकि इस शिकायत को सुनने का अधिकार आप को ही है।ै क्यों कि इसके संबंध मंे आपके द्वारा ही आदेश पारित किया गया है। स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज की शिकायत का संज्ञान लेते हुए कलेक्ट्रेट ने मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी है।