हरिद्वार। श्री पंच आवाह्न अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत चेतनानंद गिरि महाराज ने कहाकि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाना ही श्रेष्ठ है। उनका कहना है कि दीपावली का पूजन रात्रि काल में ही किया जाता है।
इस बार दीपावली 1 नवम्बर को सांयकाल तक ही है। जबकि अमावस्या तिथी 31 अक्टूबर को सांय 3 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो जाएगी। जो 1 नवम्बर को सांयकाल तक रहेगी।
इस कारण से दीपावली 31 अक्टूबर को मनाया जाना ही श्रेष्ठ है। इसी के साथ काशी विद्वत परिषद का भी यही निर्णय है कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाया जाना चाहिए।
स्वामी चेतनानंद गिरि महाराज ने कहाकि कुछ वर्षों से हिन्दू त्यौहारों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने सभी से अपील कि की सनातन लोग किसी प्रकार के भ्रम न आएं और 31 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाएं।