नृसिंह मंदिर जेतपुर गुजरात के महन्त कन्हैयानन्द महाराज ने अपने गुरु ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद ब्रह्मचारी महाराज की प्रथम पुण्यतिथि मंदिर में श्रद्धापूर्वक आश्रमस्थ लोगों व भक्तों की मौजूदगी में मनाई।
बता दें कि विगत वर्ष स्वामी आत्मानंद ब्रह्मचारी महाराज ब्रह्मलीन को गए थे। उनके बाद उनके स्थान पर स्वामी कन्हैयानंद महाराज जैतपुर नृसिंह मंदिर के महंत बने।
प्रथम पुण्यतिथि पर मंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अपने गुरु को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कन्हैयानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहाकि गुरु ही मुक्ति का मार्ग है। गुरु की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है। उन्होंने कहाकि जो मार्ग उनके गुरु ने बताया है वे उसी का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। कहाकि गुरुदेव स्वामी आत्मानंद ब्रह्मचारी महाराज ने सदैव ही लोक कल्याण के लिए कार्य किया। उनका समूचा जीवन सनातन धर्म के संरक्षण, संवर्द्धन व उन्नयन के लिए समर्पित रहा। गौ, ब्राह्मण, गंगा और गायत्री की सेवा ही उनका धर्म था।
इस अवसर पर दूर दराज से आए उनके भक्तों व शिष्यों ने ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें संत-महात्माओं व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।


