भारत ने आतंक के गढ़ को हिलाया: स्वामी आनंद स्वरूप

हरिद्वार। ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर भारत ने सच्चे अर्थों में आतंक के गढ़ को हिला दिया है। यह पाकिस्तान ही नहीं दुनिया के सभी आतंकी तत्वों को भारत का स्पष्ट जबाब है कि आप हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचा कर सुरक्षित नहीं रह सकते। आप चाहे जहाँ भी छुपे हों भारतीय सेना आपको ढूंढ कर आपके किए का दंड देने का माद्दा रखती है।
यह बात शाम्भवी मठ के पीठाधीश्वर और काली सेना के संयोजक आनंद स्वरूप महाराज ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए एवं भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कही।

उन्होंने पहलगाम में निर्दोष लोगों की धार्मिक पहचान कर की गई आतंकी हमले को धार्मिक कट्टरता की शर्मनाक मिसाल बताया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब किसी हमले में धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया जाए, तो यह केवल आतंकवाद नहीं, बल्कि सभ्यता पर सीधा हमला होता है।


उन्होंने इस घटना को मानवता और भारत की सहिष्णुता पर हमला बताते हुए कहा कि पहलगाम में नागरिकों को जिस बर्बरता से निशाना बनाया गया, वह दर्शाता है कि आतंकी मानसिकता किस हद तक नीचे गिर चुकी है। धर्म पूछकर हमला करना इस बात का प्रमाण है कि यह एक योजनाबद्ध सांप्रदायिक हिंसा थी,न कि सामान्य आतंकी वारदात।


ऑपरेशन सिंदूर की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि
भारतीय सेना द्वारा की गई त्वरित और निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” को ‘आतंक के विरुद्ध निर्णायक प्रहार’ बताया। उन्होंने कहा कि जिस सटीकता, साहस और संगठन के साथ भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, वह न केवल आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब है, बल्कि यह पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।


उन्होंने ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखने को प्रतीकात्मक रूप से गहराईपूर्ण बताते हुए कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह उन मासूमों की रक्षा में उठा ‘सिंदूर’ की रक्षा का संकल्प था।
आनंद स्वरूप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री के निर्णयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज देश एक मजबूत नेतृत्व के हाथों में है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद चाहे सीमा पार से आए या भीतर छुपा हो, भारत अब ‘सहनशीलता’ की आड़ में ‘निर्बलता’ नहीं दिखाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सेना को पूर्ण स्वतंत्रता और कूटनीतिक समर्थन देना, एक दूरदर्शी रणनीति का हिस्सा है, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि भी मजबूत हुई है।


अपने बयान में आनंद स्वरूप ने सैनिकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने फिर साबित कर दिया कि भारत की सीमाएं केवल भूगोल नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और संस्कृति की रक्षा का कवच हैं। देश को आप पर गर्व है।
उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे देश की सुरक्षा एजेंसियों पर विश्वास बनाए रखें और आतंक के विरुद्ध एकजुट होकर सरकार और सेना के साथ खड़े रहें।

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