निरंजनी पीठाधीश्वर व ब्रह्मचारी मुक्तानंद के खिलाफ समन जारी

हरिद्वार। जूनागढ़ गुजरात के कलेक्टर रजित राज ने निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशांनद गिरि व श्री पंच अग्नि अखाड़े के ब्रह्मचारी मुक्तानंद महाराज के खिलाफ समन जारी करते हुए 28 दिसम्बर को उनकी अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।
विदित हो कि स्वामी रूद्रानंद गिरि शिष्य स्वामी परमेश्वरानंद गिरि महाराज चोरवाडी, जूनागढ़ गुजरात ने निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशांनद गिरि व अग्नि अखाड़े के श्रीमहंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त करने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट में अप्रैल 2021 में शिकायत दर्ज करायी थी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने तहसीलदार को जांच के आदेश दिए थे। जांच में आरोपों में सत्यता नजर आने पर कलेक्टर ने दोनों को समन जारी किया है।
कलेक्टर जूनागढ़ को की गयी शिकायत में स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज ने कहा था कि गौमुखी गंगा तथा रावतेश्वर धर्मालय ट्रस्ट बीलखा में महंत की नियुक्ति के लिए फर्जी दस्तावेजों का आधार पर करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि नियुक्त के लिए दिए सहमति पत्र व आवेदक के हस्ताक्षर दोनों ही अलग हैं। कहा था कि महंत की नियुक्ति के आवेदक के समर्थन में श्री पंच अग्नि अखाड़े के सभापति श्रीमहंत मुकंुुदानंद ब्रह्मचारी द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र संलग्न करते हुए इन्हीं सभापति ने ट्रस्ट के महंत की नियुक्ति करने संबंधी तथा गोपालानंद की निजी सम्पत्ति के देखरेख करने के लिए प्रमाण पत्र दिया गया है, जो की 16 जनवरी 2019 स्वं. गोपालानंद गुरु प्रेमानंद की चल सम्पत्ति के सक्सेशन एक्ट के तहत पेश किया गया है। इसी के साथ महंत मुकुंनदानंद का 20 फरवरी 2019 का प्रमाण पत्र महंत सुदामानंद को दिया गया है। तीनों की प्रमाण पत्र श्रींपच अग्नि अखाड़े के सभापतियों के द्वारा दिए गए थे। जो 26 दिसम्बर 2018 का प्रमाण पत्र व 16 फरवरी 2019 का प्रमाण पत्र सिविल जज जूनागढ़ की अदालत में प्रस्तुत किया गया था। दोनों प्रमाण पत्र महंत मुक्तानंद ने अलग-अलग व्यक्तियों को दिए थे। जो आईपीसी के अनुसार दण्ड की श्रेणी में आता है। इसी के साथ महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशांनद शिष्य गोपालानंद ने फर्जी हस्ताक्षर वाला आवेदन प्रस्तुत कर महंत की नियुक्ति का आदेश प्राप्त किया था। जो धारा 340 व 191 के तहत अपराध है। उन्होंने शिकायत में कहा था कि इस शिकायत को सुनने का अधिकार आप को ही है। क्यों कि इसके संबंध मंे आपके द्वारा ही आदेश पारित किया गया है। स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज की शिकायत का संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी थी, जिसके बाद 14 दिसम्बर को उन्होंने निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशांनद गिरि व श्री पंच अग्नि अखाड़े के सभापति ब्रह्मचारी मुक्तानंद महाराज को समन जारी करते हुए 28 दिसम्बर 2021 को पेश होने के आदेश दिए हैं।

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