हरिद्वार। मेला व स्थानीय प्रशासन भले ही व्यवस्थाओं के समय से पूरा करने के लाख दावे करता हो, किन्तु दावों के विपरीत स्थिति देखने को मिल रही है। महत्वपूर्ण दिनों में भी प्रशासन की उदासीनता साफ देखने को मिलती है।
गुरुवार को श्री पंचायती अखाड़ा जूना, अग्नि व किन्नर अखाड़े की पेशवाई थी। पेशवाई दोपहर बाद 3 बजे ज्वालापुर के पांडेवाला से आरम्भ हुई। आर्यनगर चैक पहुंचते हुए पेशवाई को करीब सात बज गए। इस दौरान नगर निगम और प्रशासन की उदासीनता साफ देखने को मिली। सड़कों पर पेशवाई को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजुम उमड़ा था। रात्रि होने के बाद भी सड़कों पर पथ प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं थी। डिवाईडर पर जो लाईटें लगी हुई थी वह सब बंद थी। जिस कारण सड़कों पर अंधेरा छाया रहा। जिस कारण लोगों को अंधेरे के कारण पेशवाई की मनमोहक छवि को सही प्रकार से देखने से वंचित रहना पड़ा। स्थिति इतनी खराब थी की पेशवाई में शामिल संतों को स्वंय हाथों में चार्जिंग बल्ब लेकर लोगों को यह बताना पड़ा की हम ही पालकी में सवार हैं। ऐसे में अभी शाही स्नान और पेशवाई निकलना बाकी है। बावजूद इसके व्यवस्थाएं दम तोड़ रही हैं।