जिनकी औकात नहीं उन पर अखाड़ों की रक्षा की जिम्मेदारी
अपहरण, सम्पत्ति पर कब्जा जैसे अपराधों में बतायी संलिप्तता
गुरु-चेली व नागा बाबाओं का हो चिकित्सकीय परीक्षण
हरिद्वार। श्री शंभू पंच दशनाम आवाह्न अखाड़े के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कथित भगवाधारी संतों पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने साधु वेषधारण करने वाले कुछ कथित संतों को भू माफिया बताते हुए ऐसे लोगों को सनातन के लिए कलंक बताया है।
श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि बिना आग के धुंआ नहीं होता है। और जब कोई कुछ करता है तो एक न एक दिन लोगों के सामने वह आ ही जाता है। उन्होंने कहाकि आमजन नहीं जानते की सबसे बड़े भू माफिया साधु भेष में अखाड़ों के मुखिया बने हुए हैं। इतना ही नहीं इन्होंने देश भर में ना जाने कितने साधू-सन्तों की हत्या की है और कितने अपहरण इनके द्वारा हरिद्वार, ऋषिकेश व अन्य स्थानों पर करवाए गए हैं। कहाकि बड़े अपराधों के अलावा इनके द्वारा पीलीभीत, बरेली, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, बंगाल, आसाम, नेपाल, राजस्थान में अनगिनत मठ-मन्दिरों पर कब्जा किया हुआ है।
उन्होंने कहाकि कथित संतों के इस कार्य में सरकारी लोग भी शामिल हैं, जिन्हें मोटा हिस्सा इनके द्वारा दिया जाता है। जिस कारण से इनके हौंसले बुंलंद हैं और यह बड़े से बड़े अपराध को करने से भी नहीं डरते।
श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि अपना और अपनों का पिण्डदान कर चुके ये संत बिना साधुओं के चार कदम अकेले नहीं चल सकते और इन्ही के कंधों पर अखाड़े की रक्षा की जिम्मेदारी है। कहाकि ऐसे संतों की औकात एक गली के………जितनी भी नहीं है, बावजूद इसके यह उन्हीं के सरदार बने फिरते हैं।
उन्होंने कहाकि नादान बच्चों को यह संत नशा कराकर उनका अपहरण करते हैं और मानव तस्करी भी करते हैं। इनकी सरकार को जांच करानी चाहिये। अपराधों पर रोकथाम के लिए प्रत्येक साधु के घर का पता, नाम, वल्दीयत का जानना जरूरी है। कहाकि ऐसे संतों का चिकित्सकीय परीक्षण भी होना चाहिए, जो महिला साधु बन रही उनकी, गुरू-चेली की जांच होनी चाहिए। इतना ही नहीं जो अपने का नागा बाबा कहते हैं उनकी सैक्सूयल जांच होना जरूरी है। यदि सरकार ऐसा करती है तो कई राज से पर्दा उठ सकता है।