बैठे गले का इलाज कच्चा सुंहागा आधा ग्राम (मटर के बराबर सुहागे को टुकड़ा) मुंह में रखें और रस चुसते रहें। उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है। दो तीन घण्टों में ही गला बिलकुल साफ हो जाता है।
उपदेशकों और गायकों की बैठी हुई आवाज खोलने के लिये अत्युत्तम है। या सोते समय एक ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुंह में रखकर सो रहें। प्रातः काल तक गला अवश्य साफ हो जायेगा। मुलठी चुर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाये तो और भी आसान और उत्तम रहेगा। इससे प्रातः गला खुलने के अतिरिक्त गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है। रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। सर्दी जुकाम, स्वर भंग ठीक हो जाएगा। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चुसते रहने से बैठा खुल जाता है। या भोजन के पश्चात दस काली मिर्च का चुर्ण घी के साथ चाटें अथवा दस बताशे की चासनी में दस काली मिर्च का चुर्ण मिलाकर चाटें।
Vaid Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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