हरिद्वार। श्री पंच शंभू दशनाम आवाह्न अखाड़े के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि अर्द्ध कुंभ मेला के लिए प्रशासन की ओर से बुलायी बैठक में जूना अखाड़े के श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बैठक से निकल जाने के लिए कहकर उनका अपमान किया है। इस कारण वे हरिगिरि महाराज को नोटिस देकर कानूनी कार्यवाही करेंगे।
श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने बताया कि बैठक किसी अखाड़े या अखाड़ा परिषद की नहीं थी। बैठक सरकार द्वारा बुलायी गयी थी। ऐसे में श्रीमहंत हगिगिर महाराज को उनका अपमान करने का कोई अधिकार नहीं था। यदि बैठक अखाड़ा परिषद की होती और उसमें वह जाते तो बैठक से बाहर करने का हरिगिरि का अधिकाी था, किन्तु यहां हरिगिरि कैसे स्वंय पंच बने बैठे थे।
उन्होंने बताया कि उनको लेने के लिए प्रशासन की ओर से स्कॉट उपलब्ध करायी गयी थी। अखाड़े के श्रीमहंतों को अनुपस्थिति में वह वहां गए थे। कहाकि उनके अतिरिक्त और भी कुछ संत ऐसे थे, जिनको निमंत्रण नहीं था, किन्तु अखाड़े का प्रतिनिधित्व करने वे आए थे।
श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि हरिगिरि महाराज ने सन् 2025 में प्रयागराज में निर्मोही अखाड़े के श्री महन्त राजेन्द्र दास महाराज के साथ मेला कार्यालय में अभद्रता की और कल हरिद्वार में डाम कोठी में मुख्यमन्त्री के कुम्भ मेला कार्यक्रम मंे वही सब उनके साथ करने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहाकि बैठक में किसी प्रकार का खलल न पड़े इस कारण से वह चुपचाप वहां से चले आये। कहाकि उनके व्यवहार से ऐसा लग रहा था की हरिगिरी कुम्भ मेला को हाई जैक करना चाहते हैं और बलपूर्वक अखाड़ा परिषद में बने रहना चाहते हैं। जबकि अखाडा परिषद कुम्भ से पहले चारांे समप्रदाय को मिला कर बनता है और कुम्भ मेला के कडी पकोडी के साथ समाप्त हो जाता है।
उन्होंने कहाकि 22 नवम्बर 2025 को बैरागी कैम्प मंे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में उनके शामिल होने से हरिगिरि बौखालाए हुए हैं। जिसके चलते बैठक से उन्हें वापस भेजकर उन्होंने यह कार्य किया। कहाकि जो अभद्र व्यवहार हरिगिरि महाराज ने किया है वह कोई छोटी सोच के लोग ही कर सकते हैं। कहाकि रविन्द्र पुरी पढ़े-लिखे विद्वान संत हैं, वह कैसे एक अनपढ़ के साथ जुड़ गए। इस संबंध में उनको भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहाकि बीते रोज हुए अपने इस अपमान के लिए वह हरिगिरि महाराज को नोटिस देंगें। यदि नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, किप्तु अपने अपमान का बदला अवश्य कानूनी रूप से लिया जाएगा।


