हरिद्वार। अब एक क्लिक पर आप उत्तराखंड के सभी ऐतिहासिक व पौराणिक मन्दिर से जुड़ पाएंगे। डिजिटल तकनीक के माध्यम से धार्मिक स्थलों,वहा के परिदृश्यों व उनके ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाने के लिए आईडीएमसी ने श्री मन्दिर नाम से एक एप लांच किया है। जिसे आज के डिजिल युग में सनातन धर्म की धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मंगलवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में श्री मन्दिर संस्थान एवं आईडीएमसी के निदेशक प्रशांत सचान ने पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि देवभूमि उत्तराखंड देश-विदेश के भक्तों के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र है, करोड़ों हिन्दुओं की आस्था इस पावन भूमि से जुड़ी हुई है। जहा प्रत्येक वर्ष करीब 5 से 6 करोड़ श्रधालु उत्तराखंड की पारंपरिक विरासत व मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन कई बार वह इन स्थलों पर किन्हीं कारणों से नहीं पहुंच पाते हैं,जिसके लिए डिजिटल रूप से इन मंदिरों को ऐसे सभी भक्तों तक पहुंचाना ही श्रीमंदिर संस्थान का प्रमुख उद्देश्य है। जिससे कि ये सभी लोग अपने इष्ट देव व उनके प्रसिद्ध मंदिरों से जुड़ सके। उन्होंने बताया कि जैसे देश के कई राज्यो में स्थित पौराणिक व ऐतिहासिक मन्दिरों को इस डिजिटल एप के माध्यम से जोड़ा गया है इसी भांति देवभूमि उत्तराखंड के मानसखंड मंदिर माला और शक्तिपीठ सहित 100 से अधिक मंदिरों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। जिसके सहयोग के लिए हम उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त करते है।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए श्री मन्दिर संस्थान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल मंदिर कनेक्ट कॉन्क्लेव 2023 का आगामी गुरुवार को आयोजन होने जा रहा है। जिसमें इस एप के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी। उक्त कॉन्क्लेव में बतौर अतिथि के रूप में उत्तराखंड सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल,पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- भाजपा श्याम जाजू,सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक,दुष्यंत गौतम,स्वामी डॉ. राम विलास वेदांती,चिदानंद सरस्वती,महन्त रविन्द्र पूरी,महंत राजू दास,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट,विधायक आदेश चौहान,हनी पाठक व प्रशांत सचान,सुमीत अंकुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।