समाज कल्याण विभाग की वृद्धावस्था पेंशन से जुड़ा एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां जीवित पेंशनर को अभिलेखों में मृत दिखा दिया गया। जिसके चलते छह माह से उसे वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है। मामला उत्तरकाशी की बड़कोट तहसील के मोल्डा गांव का है।ं इस संबंध में पीडि़त ने बड़कोट थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
बड़कोट थाने के प्रभारी निरीक्षक गजेंद्र बहुगुणा ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत उनके पास आई है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। विकासखंड नौगांव के ग्राम मोल्डा निवासी माल देई उम्र 70 वर्ष को समाज कल्याण विभाग से वृद्धावस्था पेंशन मिलती है। लेकिन जब पांच-छह माह से उनके खाते में पेंशन नहीं आई तो पीडि़त के पुत्र ने विकास भवन पहुंचकर पेंशन ना आने की पड़ताल की। जिस पर ग्राम पंचायत के स्तर से हुई लापरवाही सामने आई। ग्राम पंचायत की ओर से दी जाने वाली पेंशन सत्यापन रिपोर्ट में ही पीडि़त का नाम मृतक पेंशनरों में दर्ज कर दिया गया था। जिसके चलते विभाग ने उसकी पेंशन बंद कर दी।
शिकायत के इस संबंध में पीडि़त ने बड़कोट थाने में दर्ज शिकायत में कहा कि आय के अन्य स्रोत नहीं होने से वह पूरी तरह वृद्धावस्था पेंशन पर ही निर्भर है। पेंशन बंद किए जाने से उसे मानसिक कष्ट पहुंचा है। पीडि़त ने मामले में उचित कार्रवाई कर पेंशन दिलाने की मांग की है। इधर, ग्राम प्रधान मोल्डा देव प्रसाद का कहना है कि कलम की भूल के चलते ऐसा हुआ है। समाज कल्याण विभाग को मामले से अवगत कराता दिया गया है। जल्द पीडि़त को उसकी पेंशन दिलवाई जाएगी।


