हरिद्वार। मंशा देवी मंदिर विवाद गहराता ही जा रहा है। शासन-प्रशासन की जांच का शिकंजा कसने के बाद से मंशा देवी परिसर में दुकान चलाने वाले भी कार्यवाही से खौफजदा हैं। जिस कारण से वह अपने बचने का रास्ता ढूंढ़ने लगे हैं। जिसके लिए मंशा देवी परिसर में दुकान चलाने वाले कुछ दुकानदारों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके चलते हाईकोर्ट नैनीताल में 482 के तहत कुछ लोगों ने गुहार लगायी।
जिसमें उन्होंने कहाकि जिस दुकान का वह संचालन कर रहे हैं वह रिजर्व फोरस्ट के अंतर्गत नहीं आती है। जिन दुकानों का वह संचालन कर रहे हैं वह मंशा देवी ट्रस्ट के अंतर्गत हैं और 1970 से वह लोग दुकान में कारोबार करते चले आ रहे हैं। जबकि इस मामले की जांच शासन और प्रशासन स्तर पर गतिमान है। कोर्ट ने दुकानदारों की गुहार सुनते हुए सरकार से जवाब मांगा है।
साथ ही ट्रस्ट द्वारा दुकानें खाली कराने पर न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा ने अपने 6 अगस्त आदेश पर रोक लगा दी है। सरकार से जवाब आने के बाद कोर्ट निर्णय करेगा। फिलहाल हाईकोर्ट ने दुकानदार तमन्ना तिवारी, निलाभ मिश्रा, दिग्विजय, आनन्दी, रजनी, उमेश, योगेश दको राहत देते हुए ट्रस्ट द्वारा दुकानें खाली कराने पर रोक के आदेश दिए हैं।