तहरीर के बाद भी खुलेआम घूम रहे शिवानंद ब्रह्मचारी

अग्नि अखाड़े के सभापति मुक्तानंद बापू व उनके शिष्य ब्रह्मचारी शिवानंद के बीच उत्पन्न हुआ विवाद रहस्यमय होता जा रहा है। जहां ब्रह्मचारी शिवांनद ने मुक्तानंद बापू पर गंभीर आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी वहीं मुक्तानंद बापू के करीबी ब्रह्मचारी शिवानंद के मामा ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दंेकर कार्यवाही की मांग कीर थी। 26 मई को शिवानंद के विरुद्ध मुक्तानंद को बदनाम करने और कमलेश भाई को जान से मारने सम्बन्धित शिकायत दर्ज हुई थीं। अग्नि अखाड़े के एक ब्रह्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बावजूद इसके शिवानंद ब्रह्मचारी खुले आम घूम रहा है। जानने के बाद भी पुलिस उसको गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही है। सूत्र बताते हैं कि मुक्तानंद बापू का आश्रम ब्रह्मानंद धाम जहां बना हुआ है उसके आसपास की कुछ जमीनें रिटायर्ड बड़े पुलिस आफिसरांे के नाम पर हैं। यही पुलिस आफिसर मुक्तानंद बापू पर आने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं। उसमें से इन्हीं पुलिस आफिसरो ने तहरीर के बाद ब्रह्मचारी शिवानंद को ढूंढा। जिसके बाद देर रात पुलिस के आला अधिकारियों व पीड़ित के बीच बैठक करवायी गई और समाधान करवाकर एक माफीनामा लिखवाया गया। अखाड़े के सूत्र बताते हैं कि बिलखा में ब्रह्मलीन गोपालानंद बापू की प्रतिमा के अनावरण के समय अग्नि अखाडे के कुछ संतों को बुलाया गया और चापरडा आश्रम में एक अनौपचारिक बैठक कर शिवानंद के द्वारा लिखें गये माफीनामे को पढ़कर सुनाया गया जिसमें स्वामी रूद्रानंद गिरी और पूर्णानन्द ब्रह्मचारी के बहकावे में आकर शिवानंद द्वारा आरोप लगाने की बात कही गयी। इतना सब कुछ होने के बाद भी मुक्तानंद बापू जैसे बड़े महात्मा पर आरोप लगाने वाला शिवानंद खुलेआम घूम रहा है।
इस संबंध में स्वामी रूद्रानंद गिरी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि ना तो वे शिवानंद को जानते हैं और न वे पुलिस आफिसरों के संबंध में, न ही जमीन के बारे में उन्हें जानकारी है। यह सब बड़े लोगों के बड़े कारनामों को इकट्ठा कर इन्हीं लोगों के समर्थकों का काम है। जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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