गुरु के जीवनकाल की प्रत्येक क्षण को जिओ : शिवकृपानंद
हिमालय के महर्षि शिवकृपानंद स्वामी प्रेरित हिमालयीन ध्यानयोग महाशिविर का 19 दिसंबर से दिव्य वातावरण में प्रारंभ हुआ। हिमालयीन ध्यानयोग महाशिविर अपने अंतिम चरण में है। पाँच दिन से बड़ी सामूहिकता में लोग स्वामीजी के प्रवचन एवं ध्यान का लाभ ले रहे हैं। छठवें दिन उपस्थित अतिथि विशेष संजय पाटिल – आईपीएस एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस, नागपुर, नीलेश जादव – डेप्युटी कलेक्टर, मंत्रालय, आईसीएआर – एनबीएसएसएलयूपी, नागपुर के निर्देशक नीतिन पाटिल, नागपुर शिक्षण मंडल के अध्यक्ष मोहित शाह, संजय शर्मा – हार्टफुलनेस कोऑर्डिनेटर, विदर्भ, यू.के. के समर्पण आश्रम के भूतपूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी मैथ्यू गोल्ड तथा गुरुपुत्र एवं श्री शिवकृपानंद स्वामी फाउंडेशन के निर्देशक अंबरीष ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
प्रवचन के प्रारंभ में स्वामीजी ने अपने बचपन की कहानी याद की और नागपुर के साथ बीती अपनी यादों को ताजा किया। उन्होंने बताया कि गुरु यानी आत्मा को जन्म देने वाली माँ। गुरु जब तक जीवंत है, उसके साथ चला जा सकता है, उड़ा जा सकता है; वो मोक्ष को जाएगा, तुम उसके साथ मोक्ष को जा सकते हो। मोक्ष की स्थिति उसने प्राप्त की है तो तुम को प्राप्त हो सकती है, लेकिन उसके चले जाने के बाद में केवल दिशा रह जाती है। गुरु पदचिह्न नहीं छोड़ता फिर आपको दिशा ही दिखेगी, इसीलिए उसके जीवनकाल में प्रत्येक दिन को नहीं, प्रत्येक क्षण को जिओ।
स्वामीजी ने गुरु के बारे में बताया कि वर्तमान काल का गुरु ही परमात्मा है। और परमात्मा बाहर नहीं, भीतर है। गुरु को परमात्मा मानो; वास्तव में, गुरु परमात्मा नहीं है पर जब गुरु को परमात्मा मानेंगे तब उसके भीतर की अंतर्मुखी शक्तियाँ प्राप्त कर सकेंगे। गुरु वह माध्यम है जिसके द्वारा हम चेतना प्राप्त कर सकते हैं। गुरु सदैव शिष्य की प्रगति चाहते हैं। गुरु किसी का बुरा कर ही नहीं सकते। गुरु सिलाई मशीन है, वे कैंची का काम नहीं करते। गुरु को परिभाषित नहीं किया जा सकता, उनको पहचाना नहीं जा सकता; उनको सिर्फ अनुभव किया जाता है। गुरु सदैव परिवर्तनशील है। हमें उनके साथ परिवर्तनशील होना पड़ेगा। आज का गुरु आज जैसा होगा।
प्रवचन के अंत में स्वामीजी ने ‘मैं एक पवित्र आत्मा हूँ, मैं एक शुद्ध आत्मा हूँ’, यह मंत्र से ध्यान करवाया। ध्यान में सभी को बहुत ही सुंदर अनुभूतियाँ हुईं। समग्र कार्यक्रम का गुरुतत्त्व यू-ट्यूब चैनल और करीब 50 सेटेलाइट और केबल टीवी की चेनल पर जीवंत प्रसारण किया जा रहा है, जिसका भारत के सभी राज्यों सहित 70 से भी अधिक देश के लोग लाभ ले रहे हैं।
शिविर में आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। आध्यात्मिक प्रदर्शनी में ‘चैतन्य’, ‘योग से समग्र योग’, ‘बाल संस्कार’, ‘मंगलकारी कृषि’, ‘पंच महाभूत के निदर्शन’ जैसे कई विषयों पर चित्रों और प्रयोग के साथ समझाया गया है।