स्वामी शिवकृपानंद को ‘एंबेसेडर फॉर ग्लोबल पीस एण्ड ह्यूमैनिटी’ से किया सम्मानित

पीस इन वन्स वर्ल्ड’ : कोलंबो में सांसदों के लिए हिमालयीन ध्यानयोग शिविर का आयोजन हुआ

वर्तमान समय में समग्र विश्व शांति और सुरक्षा की खोज में है। कोई एक धर्म सभी लोगों की समस्या को हल नहीं कर सकता इसीलिए लोग अलग-अलग धर्म और आध्यात्मिक मार्ग का अवलम्बन करते हैं। शांति, सुरक्षा एवं आध्यात्मिक प्रगति के लिए शिवकृपानंद स्वामीजी ने विश्व को हिमालयीन ध्यानयोग साधना का सरल मार्ग दिखाया है। आज विश्व के 60 से भी अधिक देश के लोग इस पद्धति से ध्यान करके अपना सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। भाषा, धर्म, देश, जाति, रंग लिंग के भेद से परे यह एक सरल ध्यान पद्धति है जिसे लाखों लोगों ने अपनाया है।


शिवकृपानंद स्वामीजी इस ध्यान पद्धति को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रयत्नशील है। पिछले 25 साल से विश्व के अनेक देशों ने उनको आमंत्रित किया है। हाल ही में स्वामीजी श्रीलंका का प्रवास कर करे है। उसी दौरान श्रीलंका में सांसदों के लिए ध्यान शिविर ‘पीस इन वन्स वर्ल्ड’ का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में स्वामीजी को ‘एंबेसेडर फॉर ग्लोबल पीस एण्ड ह्यूमैनिटी’ से सम्मानित किया गया।


श्रीलंका के सुप्रसिद्ध बिजनेसमेन एवं कम्यूनिटी लीडर दीपक विक्रमसिंघे द्वारा इस शिविर का आयोजन लक्ष्मण कादिरनगर इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन इन कोलंबो में किया गया था। सभी सांसद एवं सनदी अधिकारी तथा कम्यूनिटी लीडर्स को आमंत्रित किया गया था।

कार्यक्रम में शिवकृपानंद स्वामीजी का प्रवचन एवं सामूहिक ध्यान का सत्र हुआ। उपस्थित सभी लोगों के प्रश्नों का समाधान भी प्रश्नोत्तरी सत्र में किया गया। इस ऊर्जापूर्ण आध्यात्मिक सेशन का लाभ 50 से भी अधिक लोगों ने लिया। ध्यान के दौरान अलग-अलग अनुभूति का अनुभव भी हुआ। हिमालयीन ध्यानयोग के दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रमुख सौंदरह राजा रत्नम ने बताया कि विश्वशांति बहुत दूर की बात है परंतु व्यक्ति के जीवन में ध्यान को जोड़ने से वह शांति प्राप्त करेगा और इसी से शांतिमय विश्व का निर्माण किया जा सकता है।


स्वामीजी ने 800 साल पुरानी हिमालयीन ध्यानयोग पद्धति के बारे में विस्तृत रूप से समझाते हुए कहा कि नियमित ध्यान से लोग सर्वांगीण विकास कर सकते हैं एवं आध्यात्मिक प्रगति भी इस ध्यान से संभव है। योग करने से शरीरभाव कम हो जाता है और आत्मभाव बढ़ जाता है। जितनी भी समस्याएँ हैं वे शरीर से संबंधित हैं। जब शरीरभाव कम होगा तो समस्या भी कम होगी। आज जो बीज आपने प्राप्त किया है वह नियमित 45 दिन ध्यान करके आपको वृक्ष बनाना है और देखना आपकी पूरी जिंदगी बदल जाएगी।

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