हरिद्वार। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहाकि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति मथुरा के संयुक्त तत्वाधान में 17 से 19 मार्च तक अंतर राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रथम प्रयास है, जिसमें पशु चिकित्सा में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की क्या भूमिका हो सकती है, इसका साइंटिफिक विवेचन करने के लिए देश-विदेश से 200 से अधिक साइंटिस्ट, आईआरवी के देश के 19 केंद्रों से विशेषज्ञ, वेटरनरी शिक्षा बरेली के संस्थान, वेटरनरी डॉक्टर, पशु पालन के लिए एक्सपर्ट, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जुड़े 20 से अधिक आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्र, पीजी एवं पीएचडी शोधार्थी रिसर्च स्कॉलर्स, पशु आधारित आर्थिक समृद्धि हेतु आयुर्वेदिक पशु औषधियां से जुड़े लगभग 2000 से अधिक व्यक्ति समाजसेवी साइंटिस्ट छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। डॉ जोशी ने कहाकि परंपरागत रूप से जो औषधियां मानव के लिए उपयोगी हैं वही पशुओं में भी प्रयोग की जा सकती हैं बस उसमें मात्रा का अंतर होगा।
इस कार्यक्रम के माध्यम से भविष्य में बहुत बड़ी संभावनाएं रहेंगी कि किस प्रकार आयुर्वेद के द्वारा पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन एवं स्वास्थ्य संवर्धन के लिए पशु चिकित्सा में भी आयुर्वेद का योगदान परिभाषित किया जा सकता है। इस पहल के माध्यम से भविष्य में उसके लिए पाठ्यक्रम भी यूनिवर्सिटी एवं सरकार के प्रयास से चलाए जा सकते हैं। इसके लिए एक अनूठा कार्य उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति की तरफ से किया जा रहा है।
डॉक्टर हेमेंद्र यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम में संस्थान एवं संघ से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति पधार रहे हैं। प्रथम दिवस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कारवाह व एवं वर्तमान अखिल कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी, पशु एवं पशुधन राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉक्टर महेंद्र मांजू पारा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय ग्राम विकास प्रमुख डा. दिनेश, डॉ अभिजीत पात्रा, केंद्रीय कमिश्नर पशुधन मंत्रालय, पशु कल्याण विभाग के निदेशक, समापन के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, सौरभ बहुगुणा भी प्रतिभाग करेंगे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में डॉ अभिजीत पात्रा कमिश्नर पशु कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा, केंद्रीय सचिव आयुष, डॉ पंकज पांडे सचिव आयुष उत्तराखंड, एवं विभिन्न विभागों से जुड़े प्रमुख अधिकारी इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। इस कार्यक्रम में चार विभिन्न पंडालों के माध्यम से क्षेत्र 4 सत्रों में आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी प्रचार-प्रसार प्रमुख डॉ राजीव कुरेले ने बताया कि पशु कल्याण एवं पशु आधारित वैज्ञानिक उत्पादों पर एक विशाल प्रदर्शनी भी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं विभिन्न प्रतिभागी संस्थाओं द्वारा लगाई जाएगी।