संसद पर हमला करने वालों को भारत में आसानी से मिल जाते हैं वकील और बांग्लादेश में संत की पैरवी करने वाला कोई नहींः संजय गुप्ता

हरिद्वार। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे कायरतापूर्ण हमलों और वहां की सरकार की नीतियों की वरिष्ठ भाजपा नेता संजय गुप्ता ने निंदा करते हुए संगठित होने की बात कही है।


उन्होंने कहाकि एक मंदिर के पुजारी स्वामी चिन्मय दास को आतंकवादी करार देने की मंशा ने बांग्लादेश सरकार की मंशा को स्पष्ट कर दिया है कि उसके इशारे पर ही हिन्दुओं का कत्लेआम किया जा रहा है। यही कारण है कि स्वामी चिन्मय दास की जमानत याचिका 2 जनवरी तक टाल दी गई, क्योंकि उनके लिए कोई भी वकील अदालत में नहीं आया। उनका पहला वकील एक मुस्लिम ही था जिसे कोर्ट से बाहर मुसलमान की भीड़ में पीट-पीट कर मार डाला।


उनका दूसरा वकील एक हिंदू रमन राय थे, जिन्हें कोर्ट में ही पुलिस और सेना के सामने भीड़ ने मॉब लिंचिंग की उनके घर, परिवार पर हमला हुआ कि वह आईसीयू में बेहद सीरियस हालत में भर्ती हैं। नतीजा यह हुआ कि आज बांग्लादेश में एक हिंदू संत चिन्मय दास को कोई वकील नहीं मिल रहा। जबकि संसद पर हमला करने वालों तक को भारत में वकील आसानी से मिल जाते हैं।


संजय गुप्ता ने कहाकि बांग्लादेश में हिन्दुओं का कत्लेआम हो रहा है और एक भी विपक्ष का नेता कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। यहां तक की बहराइच हिंसा पर विपक्ष चुप्पी साध लेता है और संभल हिंसा पर उसकी आवाज निकलने लगती है। यह विपक्ष का दोगलापन है। संजय गुप्ता ने कहाकि अखण्ड हिन्दुस्तान का विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण हुआ था। विभाजन के दौरान वहां 22 प्रतिशत हिन्दू थे, जो घटकर आज मात्र 1.5 प्रतिशत रह गए हैं और उनका जीवन भी वहां नरक के समान है।

यही हाल बांग्लादेश का है, वहां भी आजादी के समय हिन्दुओं की संख्या 27 से घटकर मात्र 7 प्रतिशत रह गई है। जबकि भारत में मुसलमान सुरक्षित हैं और उन्हें हर प्रकार की आजादी है। आजादी के समय भारत में मुस्लिमों की संख्या 5 प्रतिशत थी, जबकि आज उनकी संख्या 20 प्रतिशत है। यह सब हिन्दुओं की उदारता का ही परिणाम है। हिन्दू अहिंसक होने के कारण ही वहां काटा जा रहा है। उन्होंने कहाकि आने वाले खतरे को देखते हुए सभी को एकजुट रहने की जरूरत है।

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